Election Commission : राहुल गांधी के चुनावी आरोपों पर चुनाव आयोग को सफाई देनी चाहिए

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Newsindia live,Digital Desk: Election Commission : भारतीय राजनीति में चुनावी प्रक्रिया की अखंडता पर सवाल उठे हैं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में चुनावी हेरफेर यानी वोट चोरी के आरोप लगाए हैं इन आरोपों ने चुनावी प्रक्रिया पर संदेह पैदा किया है चुनाव आयोग को इन दावों पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और जनता के मन में उठने वाले हर संशय को दूर करना चाहिए

चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी हों यह किसी भी लोकतंत्र का  आधार होता है ऐसे आरोप मतदाताओं के विश्वास को कमजोर करते हैं राहुल गांधी ने कई बार अपनी बातों में कहा है कि मशीनों से छेड़छाड़ हो सकती है और कुछ लोग गुप्त रूप से नतीजों को प्रभावित कर रहे हैं उन्होंने पिछले लोकसभा चुनावों और विभिन्न विधानसभा चुनावों में धांधली की बात कही है उनके समर्थकों और कई विपक्षी दलों ने भी इन आरोपों को दोहराया है

यह केवल राजनीतिक बयानबाजी का विषय नहीं है यह लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों से जुड़ा मुद्दा है अगर नागरिकों को यह महसूस होता है कि उनके वोट का मूल्य नहीं है और चुनाव परिणामों में गड़बड़ी हो सकती है तो वे चुनावी प्रक्रिया से विमुख हो सकते हैं यह भागीदारी को कम करेगा और अंततः लोकतांत्रिक व्यवस्था की जड़ों को कमजोर करेगा

चुनाव आयोग की भूमिका यहाँ अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है यह एक स्वायत्त संवैधानिक निकाय है जिसका काम भारत में चुनावों का निष्पक्ष और पारदर्शी संचालन सुनिश्चित करना है ऐसे गंभीर आरोपों पर चुनाव आयोग की ओर से विस्तृत और ठोस स्पष्टीकरण आना आवश्यक है आयोग को जनता के सामने सभी तकनीकी पहलुओं और अपनी सुरक्षा प्रणालियों का ब्योरा देना चाहिए यह बताना चाहिए कि मतदान और मतगणना की प्रक्रिया में कैसे गड़बड़ी संभव नहीं है या उन दावों का खंडन कैसे होता है

सिर्फ खंडन ही पर्याप्त नहीं है चुनाव आयोग को अधिक सक्रिय रूप से कार्य करना चाहिए यह सभी हितधारकों राजनीतिक दलों नागरिकों और विशेषज्ञों के साथ एक खुला संवाद स्थापित कर सकता है इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों यानी ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर भी हमेशा सवाल उठाए जाते रहे हैं आयोग को इन मशीनों के डिजाइन सुरक्षा प्रोटोकॉल और ऑडिट प्रक्रियाओं के बारे में अधिक पारदर्शिता बरतनी चाहिए जिससे कोई भ्रम न फैले

अगर चुनाव आयोग इन आरोपों को पूरी तरह से और संतोषजनक ढंग से संबोधित करने में विफल रहता है तो यह जनता के मन में अविश्वास पैदा कर सकता है और इसका असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है लोकतांत्रिक देश में चुनावों की विश्वसनीयता उसकी आत्मा होती है चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना होगा कि चुनावी प्रक्रिया की शुचिता बनी रहे और कोई भी सवाल या संदेह अनसुलझा न रहे भारतीय लोकतंत्र के भविष्य के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि जनता का विश्वास चुनावों में अडिग बना रहे

 

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