Efforts to build peace before monsoon session : केंद्रीय मंत्री की सर्वदलीय बैठक मणिपुर पर रहेगा जोर

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News India live, Digital Desk : Efforts to build peace before monsoon session : संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होने वाला है और इससे ठीक पहले, केंद्र सरकार ने एक बहुत ही ज़रूरी कदम उठाया है। आमतौर पर हर सत्र से पहले होने वाली सर्वदलीय बैठक (सभी दलों के नेताओं की बैठक) आज यानी [लेख के अनुसार 19 जुलाई 2023] केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बुलाई है। इस बैठक का मुख्य मकसद है कि संसद का यह महत्वपूर्ण सत्र बिना किसी रुकावट के शांतिपूर्ण तरीके से चल सके और सभी ज़रूरी बिलों पर बहस व चर्चा हो पाए।

क्यों ज़रूरी होती है ऐसी बैठक?
संसद का सत्र देश के लिए कानून बनाने, महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने और सरकार को उसकी नीतियों के लिए जवाबदेह ठहराने का सबसे बड़ा मंच होता है। अक्सर देखने को मिलता है कि विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाती, जिससे संसद में हंगामा होता है और कार्यवाही बाधित होती है। इन बैठकों का लक्ष्य होता है कि सत्र शुरू होने से पहले ही सभी दल मिलकर अपनी बात रख दें, सहमति वाले मुद्दों पर सहयोग की बात हो और असहमतियों को सुलझाने का रास्ता निकाला जा सके ताकि संसद का कीमती समय बर्बाद न हो।

कौन-कौन शामिल होंगे?
किरेन रिजिजू ने यह बैठक अपने आवास पर बुलाई है। इसमें लगभग सभी बड़े राजनीतिक दलों के नेता शामिल होने वाले हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण उपस्थिति कांग्रेस के नेताओं की मानी जा रही है, जो कई ज्वलंत मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं।

क्या-क्या मुद्दे उठेंगे?
सरकार ने हमेशा कहा है कि वे नियम और कानून के दायरे में हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। हालांकि, यह तय है कि विपक्ष इस सत्र में सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की पूरी कोशिश करेगा।
खासकर, मणिपुर में लगातार चल रही हिंसा का मुद्दा इस मॉनसून सत्र का सबसे बड़ा और गरम विषय बन सकता है। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल इस पर संसद में बहस की मांग करेंगे। इसके अलावा, देश की अर्थव्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी, बाढ़ से जुड़े मुद्दे, रेलवे सुरक्षा और कृषि से संबंधित विषयों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।

भाजपा भी है तैयार
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी सत्र से पहले अपनी तैयारियां तेज़ कर दी हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने भी सत्र शुरू होने से पहले मंगलवार को एक बड़ी बैठक बुलाई थी, जिसमें सरकार की रणनीति पर विचार किया गया।

अब देखना यह होगा कि यह सर्वदलीय बैठक कितनी सफल होती है और क्या सरकार और विपक्ष के बीच बन पाती सहमति संसद के मॉनसून सत्र को सचमुच productive और शांतिपूर्ण बना पाएगी या फिर पिछले सत्रों की तरह हंगामा और गतिरोध हावी रहेंगे।

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