ED Action : अल-फलाह के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी पर कसा शिकंजा, 13 दिन के लिए गए अंदर

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News India Live, Digital Desk: उत्तर प्रदेश के लखनऊ से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसने प्रशासनिक और शिक्षा जगत के कई लोगों को चौंका दिया है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ED (Enforcement Directorate) ने अल-फलाह ग्रुप (Al Falah Group) के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी पर अपना शिकंजा पूरी तरह कस लिया है। मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोपों में घिरे सिद्दीकी को अब चैन की सांस मिलना मुश्किल लग रहा है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, यह कार्रवाई PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत की गई है। खबर है कि लखनऊ की एक विशेष पीएमएलए कोर्ट ने ईडी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए जवाद सिद्दीकी को 13 दिनों की कस्टडी (ED Custody) में भेज दिया है। इसका मतलब यह है कि अब अगले करीब दो हफ्ते तक ईडी उनसे पैसों की हेराफेरी और वित्तीय लेन-देन को लेकर कड़े सवाल-जवाब करेगी।

जांच एजेंसी का मानना है कि ग्रुप के वित्तीय कामकाज में कुछ भारी गड़बड़ियां हुई हैं। सूत्रों की मानें तो, ईडी के पास कुछ ऐसे सुराग हैं जो यह इशारा करते हैं कि पैसों को इधर-उधर करने (लॉन्ड्रिंग) में बड़ा खेल हुआ है। इसी सच को उगलवाने के लिए उन्हें कस्टडी में लिया गया है।

कोर्ट में क्या हुआ?

जब जवाद सिद्दीकी को कोर्ट में पेश किया गया, तो जांच एजेंसी ने दलील दी कि मामले की गहराई तक जाने के लिए उन्हें सिद्दीकी से लंबी पूछताछ करनी होगी। कोर्ट ने तर्कों को सही मानते हुए उन्हें 2 दिसंबर तक के लिए ईडी के हवाले कर दिया।

आगे क्या हो सकता है?

यह खबर इसलिए भी अहम है क्योंकि अल-फलाह ग्रुप एक बड़ा नाम है। ऐसे में चेयरमैन की गिरफ्तारी से कई और लोगों की धड़कनें बढ़ सकती हैं। चर्चा यह है कि रिमांड के दौरान ईडी उनसे जुड़े अन्य सहयोगियों और लेन-देन के दस्तावेज़ों की भी पड़ताल करेगी। अब देखना यह होगा कि इस पूछताछ में और कौन-कौन से नए नाम या राज़ बाहर आते हैं।

फिलहाल, इतना तय है कि जवाद सिद्दीकी के लिए आने वाले दिन काफी भारी गुजरने वाले हैं। कानून का यह सख्त रवैया बताता है कि आर्थिक गड़बड़ी के मामलों में एजेंसियां अब किसी को भी बख्शने के मूड में नहीं हैं।

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