टैक्सपेयर्स पर 'डबल अटैक'! ITR के साथ एडवांस टैक्स भरने की टेंशन, क्या मिलेगी राहत?

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 सितंबर का महीना हम नौकरीपेशा लोगों और व्यापारियों के लिए छुट्टियों का नहीं, बल्कि टेंशन का महीना होता है। खासकर यह आखिरी हफ्ता... जब एक तरफ इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख सिर पर तलवार की तरह लटक रही होती है, तो दूसरी तरफ एक और बड़ी बला दरवाज़े पर दस्तक दे रही होती है।

इस बार टैक्सपेयर्स एक-दो नहीं, बल्कि दो-दो बड़ी डेडलाइन के बीच सैंडविच की तरह पिस रहे हैं!

क्या है यह 'डबल' मुश्किल?

चलिए, इसे बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं।

मुश्किल नंबर 1: ITR फाइल करने की आखिरी तारीख
जिन लोगों के खातों का ऑडिट होना है, उनके लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर है। जो अब बस कुछ ही दिन दूर है। करोड़ों लोग और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) इस समय दिन-रात एक करके इस डेडलाइन को पूरा करने में जुटे हुए हैं।

मुश्किल नंबर 2: एडवांस टैक्स की दूसरी किस्त
और जैसे यह टेंशन काफी नहीं थी, एक और डेडलाइन आ गई है। जिन लोगों की साल की टैक्स देनदारी 10,000 रुपये से ज़्यादा बनती है, उन्हें अपना टैक्स किस्तों में भरना पड़ता है, जिसे 'एडवांस टैक्स' (Advance Tax) कहते हैं। और इसकी दूसरी किस्त भरने की आखिरी तारीख 15 सितंबर थी, जो अभी-अभी निकली है।

अब उलझन क्या है?

उलझन यह है कि CAs और टैक्सपेयर्स बेचारे पहले क्या करें? ITR भरने की लंबी-चौड़ी प्रक्रिया पूरी करें या फिर पहले इस साल का हिसाब-किताब करके एडवांस टैक्स भरें? एक ही वक्त में यह दोनों काम करना, और वो भी तब जब इनकम टैक्स का पोर्टल अक्सर 'कछुआ चाल' चल रहा हो, बहुत ही मुश्किल है।

कई बार तो ऐसा होता है कि पिछले साल का हिसाब (यानी ITR) ही ठीक से पूरा नहीं हो पाता, तो भला कोई इस साल की कमाई का अंदाज़ा लगाकर एडवांस टैक्स कैसे भरे?

क्या हो रही है मांग?

इसी दोहरी मुश्किल को देखते हुए, देशभर के CA एसोसिएशन्स और टैक्स प्रोफेशनल्स ने सरकार से गुज़ारिश की है। उनका कहना है कि एक ही महीने में यह दोनों अहम डेडलाइन रखना गैर-व्यावहारिक और गैर-ज़रूरी है।

वे लगातार वित्त मंत्रालय को चिट्ठियां लिखकर मांग कर रहे हैं कि कम से कम ITR फाइल करने की आखिरी तारीख को 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर तक कर दिया जाए, ताकि लोगों को थोड़ी राहत की सांस मिल सके और वे बिना किसी गलती के अपना काम पूरा कर सकें।

क्या सरकार सुनेगी बात?

यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। पिछले कुछ सालों का रिकॉर्ड देखें तो सरकार आसानी से तारीख नहीं बढ़ाती है। लेकिन इस बार मुश्किल वाकई दोहरी है।

फिलहाल तो, सभी टैक्स भरने वाले और CAs की नज़रें फाइनेंस मिनिस्ट्री पर टिकी हुई हैं। उम्मीद है कि सरकार उनकी परेशानी को समझेगी और उन्हें इस 'डबल अटैक' से थोड़ी राहत ज़रूर देगी।

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