Diabetes: आँखों में दिखते हैं इसके पहले लक्षण, जानें कब बरतनी है सावधानी

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News India Live, Digital Desk: मधुमेह, या डायबिटीज, एक ऐसी बीमारी है जो रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को बढ़ा देती है। अगर इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह शरीर के कई हिस्सों को नुकसान पहुँचा सकती है, और इनमें से सबसे महत्वपूर्ण हमारी आँखें हैं। अक्सर लोगों को पता भी नहीं चलता कि वे मधुमेह के शुरुआती चरणों में हैं, लेकिन उनकी आँखों में कुछ सूक्ष्म परिवर्तन या लक्षण दिखाई देने लगते हैं जो इस गंभीर स्थिति का पहला संकेत हो सकते हैं। इन लक्षणों को पहचानना और समय रहते सावधानी बरतना हमारी दृष्टि को बचाने के लिए बेहद ज़रूरी है।

आँखों में दिखने वाले मधुमेह के लक्षण:

धुंधला दिखना: यह सबसे आम शुरुआती लक्षणों में से एक है। रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव लेंस में तरल पदार्थ के बदलाव का कारण बन सकता है, जिससे अस्थायी रूप से धुंधली दृष्टि हो सकती है। हालाँकि, यह लक्षण अक्सर ब्लड शुगर नियंत्रित होने पर ठीक हो जाता है, लेकिन अगर यह बना रहता है, तो यह चिंता का विषय है।
प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता या चकाचौंध: कई लोगों को लगता है कि उन्हें पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ रोशनी से परेशानी हो रही है।
पढ़ने में दिक्कत: नज़दीक की चीज़ें पढ़ने में कठिनाई होना, खासकर अगर आपकी उम्र ज्यादा नहीं है और पहले ऐसा नहीं था।

रंगों में परिवर्तन: रंगों को पहचानने या उन्हें स्पष्ट रूप से देखने में परेशानी होना।

आँखों के सामने धब्बे या फ्लोटर्स दिखना: ये छोटे-छोटे धब्बे या धागे जैसे आकार होते हैं जो आपकी दृष्टि के क्षेत्र में तैरते हुए दिखाई देते हैं। यह डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy) का संकेत हो सकता है, जहाँ रक्त वाहिकाएँ कमजोर होकर तरल पदार्थ या रक्त का रिसाव करने लगती हैं।

रात में कम दिखना: रात के समय दृष्टि का कमजोर होना, या रात में ड्राइव करने में परेशानी महसूस होना।

कब बरतनी है सावधानी और डॉक्टर को दिखाना है जरूरी?

यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण बार-बार अनुभव हो रहा है, या यदि आपके परिवार में मधुमेह का इतिहास रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना बेहद आवश्यक है। आँखों के ये लक्षण इस बात का संकेत हो सकते हैं कि आपका रक्त शर्करा स्तर अनियंत्रित है, और इससे पहले कि आँखों को स्थायी नुकसान पहुँचे, उसका निदान और उपचार करना ज़रूरी है। मधुमेह के रोगियों को नियमित रूप से आँखों की जाँच (रेटिना चेक-अप) करवानी चाहिए, भले ही उन्हें दृष्टि संबंधी कोई समस्या न लग रही हो। आँखों की समय पर जाँच से डायबिटिक रेटिनोपैथी और अन्य मधुमेह संबंधी नेत्र रोगों को बढ़ने से रोका जा सकता है और आपकी दृष्टि को बचाया जा सकता है। याद रखें, जितनी जल्दी मधुमेह का निदान और प्रबंधन किया जाता है, आपकी आँखों को नुकसान होने का जोखिम उतना ही कम होता है।

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