Deliberation on the Eighth Pay Commission begins: केंद्र सरकार और कर्मचारियों के लिए नई संभावनाएं
News India Live, Digital Desk: Deliberation on the Eighth Pay Commission begins: लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का इंतज़ार अब ख़त्म होने की ओर है, क्योंकि केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग 8th Pay Commission के गठन पर शुरुआती सलाह-मशविरा शुरू कर दिया है। सरकार इस समय सभी मंत्रालयों और राज्यों के साथ विचार-विमर्श कर रही है, ताकि इस महत्वपूर्ण आयोग को जल्द से जल्द मूर्तरूप दिया जा सके। यह खबर उन सभी कर्मचारियों और सेवानिवृत्त लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है, जिनकी नज़रें पिछले कुछ समय से इस मुद्दे पर टिकी हुई थीं।
यह ज्ञात है कि आमतौर पर हर 10 साल में एक वेतन आयोग का गठन किया जाता है, जिसका मुख्य कार्य केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन-भत्तों और पेंशन ढांचे को संशोधित करना होता है। पिछला, यानी 7वां वेतन आयोग अभी लागू है, और मौजूदा चलन के अनुसार, 8वें वेतन आयोग की बारी आने वाली है। यह पहल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों के आर्थिक जीवन पर सीधा असर डालेगी।
शुरुआती विचार-विमर्श में, मुख्य रूप से इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि वेतन आयोग के गठन के बाद क्या-क्या बदलाव लाए जाएंगे। संभावना जताई जा रही है कि इसके अंतर्गत कर्मचारियों की सैलरी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो सकती है। इसमें 'फिटमेंट फैक्टर' में वृद्धि, यानि मूल वेतन को संशोधित करने का अनुपात भी एक बड़ा विषय होगा। कर्मचारियों की यूनियनें और प्रतिनिधि पहले से ही अपनी मांगें रख रहे हैं कि उनके वेतन और भत्ते बढ़ती महंगाई और जीवनयापन की लागत के अनुरूप होने चाहिए।
सरकार द्वारा मंत्रालयों और राज्यों के साथ सलाह करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रस्तावित बदलाव सभी संबंधित पक्षों के लिए न्यायसंगत और स्वीकार्य हों, साथ ही इन बदलावों के वित्तीय प्रभावों का भी आकलन किया जा सके। यह प्रक्रिया कई महीनों तक चल सकती है, जिसके बाद एक औपचारिक आयोग का गठन किया जाएगा जो अपनी विस्तृत सिफारिशें प्रस्तुत करेगा।
इस कदम से स्पष्ट है कि सरकार अपने कर्मचारियों के कल्याण और वित्तीय सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। 8वें वेतन आयोग का ऐलान होने और उसकी सिफारिशें लागू होने से न केवल केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन-पेंशन में बढ़ोतरी होगी, बल्कि इससे अर्थव्यवस्था में भी एक नया उत्साह देखने को मिल सकता है।
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