Delhi MCD Results : दिल्ली ने सुना दिया अपना फैसला 12 में से 7 पर बीजेपी का कब्ज़ा, जानिए आपके वार्ड में कौन जीता?

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News India Live, Digital Desk :  दिल्ली वालों की धड़कनें आज सुबह से ही तेज थीं। आज 'रिजल्ट डे' था और एमसीडी के 12 वार्डों के लिए हुए उपचुनाव (Bypolls) की तस्वीर अब पूरी तरह साफ हो चुकी है। अगर आप दिल्ली की राजनीति में थोड़ी भी दिलचस्पी रखते हैं, तो आज के नतीजे आपको हैरान भी करेंगे और कुछ इशारा भी देंगे।

सीधे शब्दों में कहें तो बीजेपी (BJP) ने इस मिनी-चुनाव में "क्लीन स्वीप" की तरफ कदम बढ़ाए हैं, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। लेकिन पिक्चर अभी बाकी है, क्योंकि कांग्रेस (Congress) और एक अन्य छोटी पार्टी ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज करवा दी है। आइए, जानते हैं बिल्कुल देसी अंदाज में कि आज दिल्ली के सियासी मैदान में क्या-क्या हुआ।

किसके हाथ लगी बाजी? (The Final Score)

क्रिकेट मैच की तरह स्कोरकार्ड देख लेते हैं। कुल 12 सीटें थीं दांव पर:

  • बीजेपी (BJP): 7 सीटें (सबसे आगे)
  • आम आदमी पार्टी (AAP): 3 सीटें (उम्मीद से कम)
  • कांग्रेस (Congress): 1 सीट (शानदार वापसी)
  • अन्य (AIFB): 1 सीट (सबको चौंकाया)

यह नतीजे साफ़ बताते हैं कि विधानसभा चुनाव और एमसीडी के पिछले चुनाव के मुकाबले हवा का रुख थोड़ा बदला है।

हॉट सीटों पर क्या रहा हाल?

  1. चांदनी चौक का 'किंग':
    पुरानी दिल्ली का दिल कहे जाने वाले चांदनी चौक वार्ड में मुकाबला बेहद कड़ा था। यहाँ से बीजेपी के सुमन कुमार गुप्ता ने बाजी मार ली है। आप और कांग्रेस की तमाम कोशिशों के बावजूद यहाँ "कमल" ही खिला है।
  2. सीएम का गढ़ बचा (Shalimar Bagh):
    शालीमार बाग (उत्तर) सीट पर सबकी नजरें थीं। यह इलाका बीजेपी की बड़ी नेताओं का गढ़ माना जाता है। यहाँ बीजेपी की अनीता जैन ने शानदार जीत दर्ज की है। इसे पार्टी के लिए एक बड़ी मनोवैज्ञानिक जीत (Psychological Win) माना जा रहा है।
  3. आप का सांत्वना पुरस्कार (Mundka & South Puri):
    ऐसा नहीं है कि AAP का सूपड़ा साफ़ हो गया। मुंडका और साउथ पुरी जैसे इलाकों में, जहाँ मजदूर और लोअर मिडिल क्लास वोटर्स ज्यादा हैं, वहां अभी भी "झाड़ू" का जादू कायम है। मुंडका से AAP के अनिल ने जीत हासिल की। लेकिन 12 में से सिर्फ 3 सीटें मिलना अरविंद केजरीवाल की टीम के लिए चिंता का विषय जरूर है।
  4. कांग्रेस और फॉरवर्ड ब्लॉक का सरप्राइज:
    संगम विहार (ए) में जो हुआ, उसने सबको हैरान कर दिया। यहाँ कांग्रेस के पंकज ने जीत का झंडा गाड़ा (जैसा कि शुरुआती रुझानों में था), जिसने यह साबित कर दिया कि दिल्ली में कांग्रेस अभी पूरी तरह ख़त्म नहीं हुई है। वहीं, एक सीट 'फॉरवर्ड ब्लॉक' (AIFB) जैसी पार्टी के खाते में जाना यह बताता है कि लोग विकल्पों की तलाश में भी हैं।

इन नतीजों के मायने क्या हैं? (Why It Matters?)

देखिए, 2025 का साल आधा बीतने को है और दिल्ली में बीजेपी का एमसीडी उपचुनावों में इस तरह हावी होना, कोई छोटी बात नहीं है।

  • बीजेपी का मैसेज: यह जीत बताती है कि शहर के मध्यम वर्गीय (Middle Class) इलाकों में बीजेपी की पकड़ ढीली नहीं हुई है, बल्कि और मजबूत हुई है।
  • AAP के लिए चेतावनी: यह नतीजे आप सरकार के लिए एक "रियलिटी चेक" हैं। कूड़े के पहाड़ हो या सड़कों की हालत—शायद जनता अब और एक्शन चाहती है।
  • बदलाव की आहट? कांग्रेस का खाता खोलना और अन्य दलों का जितना यह इशारा है कि दिल्ली का वोटर अब "एकतरफा" वोटिंग के मूड में शायद नहीं है। वह कैंडिडेट और काम को देख रहा है।

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