Delhi Air Crisis : आंखों में जलन और गले में खराश, क्या फिर गैस चेंबर बन रही है राजधानी?

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News India Live, Digital Desk: अगर आप आज सुबह दिल्ली में सोकर उठे हैं और खिड़की खोलते ही आपको सब कुछ धुंधला दिखाई दिया है, तो वह कोहरा नहीं था। वह 'स्मॉग' है, यानी धुएं और धूल का वो खतरनाक मिश्रण, जो आपकी और हमारे बच्चों की सांसों पर भारी पड़ रहा है। देश की राजधानी में एक बार फिर प्रदूषण ने खतरे के निशान को पार कर लिया है और हालात चिंताजनक हो गए हैं।

कैसी है जमीनी हकीकत?
दिल्ली की हवा का स्तर (AQI) एक बार फिर 350 का आंकड़ा पार कर गया है। आसान भाषा में समझें तो यह 'बहुत खराब' (Very Poor) श्रेणी में आता है। सुबह के वक्त जब लोग मॉर्निंग वॉक के लिए या दफ्तर जाने के लिए निकले, तो कई लोगों को आंखों में जलन और गले में हल्की खराश महसूस हुई। इंडिया गेट हो या अक्षरधाम, शहर की ऊंची इमारतें धुंध की चादर में लिपटी नजर आ रही हैं। विजिबिलिटी (दृश्यता) इतनी कम हो गई है कि सड़क पर गाड़ी चलाना भी चुनौती बन गया है।

सांस लेना हुआ मुहाल
सर्दियां शुरू होते ही दिल्ली वालों के लिए यह एक सालाना मुसीबत बन गई है। हवा में प्रदूषक तत्वों (PM 2.5 और PM 10) की मात्रा इतनी बढ़ गई है कि स्वस्थ इंसान को भी सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। जो बुजुर्ग हैं या जिन्हें दमा और सांस की बीमारी है, उनके लिए तो यह समय सबसे ज्यादा मुश्किल है। अस्पतालों में भी ओपीडी में खांसी और सीने में जकड़न की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है।

क्यों बिगड़े हालात?
तापमान में गिरावट और हवा की रफ्तार कम होने की वजह से प्रदूषक तत्व जमीन की सतह के पास ही जम गए हैं। ऊपर से गाड़ियों का धुआं और आसपास के इलाकों में जलने वाली पराली का असर—इन सबने मिलकर दिल्ली को एक तरह से 'गैस चेंबर' बनाने की कसर नहीं छोड़ी है। आनंद विहार, बवाना और मुंडका जैसे हॉटस्पॉट्स पर हालात और भी ज्यादा खराब हैं, जहां एक्यूआई कई बार 400 के करीब भी महसूस होता है।

अब क्या करें हम और आप?
प्रशासन अपनी तरफ से पानी का छिड़काव और GRAP (ग्रैप) के नियमों को लागू करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हमें भी अपनी सुरक्षा खुद करनी होगी।

  • मास्क जरूरी है: घर से बाहर निकलते समय N95 मास्क का उपयोग करें। यह आम कपड़े के मास्क से कहीं बेहतर सुरक्षा देता है।
  • मॉर्निंग वॉक से बचें: जब तक सूरज पूरी तरह न निकल आए और धुंध कम न हो, तब तक सुबह की सैर टाल दें।
  • बच्चों का खयाल: बच्चों को आउटडोर एक्टिविटी कम करने की सलाह दें, क्योंकि उनके फेफड़े ज्यादा संवेदनशील होते हैं।

मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक राहत के आसार कम ही हैं। हवा में यह भारीपन अभी बना रहेगा। इसलिए सतर्क रहें, क्योंकि यह सिर्फ कोहरा नहीं, हमारी सेहत के लिए एक बड़ा अलार्म है

 

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