December Panchak Alert : दक्षिण दिशा में यात्रा पड़ेगी भारी? अगले 5 दिन गलती से भी न करें ये काम
News India Live, Digital Desk: दिसंबर का महीना चल रहा है (2025), ठंड अपने शवाब पर है और साल खत्म होने को है। ऐसे माहौल में हम में से कई लोग छुट्टियों पर जाने की प्लानिंग करते हैं या फिर घर के पेंडिंग काम निपटाने की सोचते हैं। लेकिन रुकिए! अगर आप हिंदू परंपराओं और ज्योतिष को मानते हैं, तो यह खबर आपके काम की है। घर के बड़े-बुजुर्ग अक्सर कहते हैं कि जब "पंचक" लगा हो, तो कुछ खास काम टाल देने चाहिए।
आज हम उसी 'पंचक' की बात कर रहे हैं जो इस दिसंबर में लगने वाला है। आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि ये 5 दिन क्यों अहम हैं और खासकर "दक्षिण दिशा" (South Direction) को लेकर इतनी मनाही क्यों है?
पंचक: आखिर ये होता क्या है?
सिंपल शब्दों में कहें तो जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में गोचर करता है, उस समय को पंचक कहा जाता है। यह पांच दिनों का समय होता है। ज्योतिष शास्त्र में इसे बहुत 'सवेदनशील' माना जाता है। ऐसा नहीं है कि ये हमेशा अशुभ होता है, लेकिन कुछ काम ऐसे हैं जो इन 5 दिनों में "निषेध" यानी मना होते हैं।
दिसंबर में यात्रा का प्लान? दिशा चेक कर लें!
हम अक्सर वीकेंड या छुट्टियों में घूमने निकल पड़ते हैं। लेकिन पंचक के दौरान एक नियम बहुत सख्ती से माना जाता है— "दक्षिण दिशा में यात्रा न करें।"
क्यों? ज्योतिष के अनुसार, दक्षिण दिशा 'यम' (मृत्यु के देवता) की दिशा मानी जाती है। कहा जाता है कि पंचक के दौरान नक्षत्रों का योग ऐसा होता है कि इस दिशा में जाने से कष्ट, बाधाएं या दुर्घटना का डर बना रहता है। इसलिए अगर बहुत जरूरी न हो, तो इन 5 दिनों में दक्षिण की तरफ जाने से बचना चाहिए।
ये 5 गलतियां न करें, वरना बढ़ सकती है परेशानी
यात्रा के अलावा, चार और ऐसे काम हैं जो पंचक में वर्जित माने गए हैं। अगर आप इन दिनों घर में कोई बड़ा बदलाव करने वाले हैं, तो ये लिस्ट देख लें:
- छत डालना: अगर आप घर बना रहे हैं, तो पंचक के दौरान लेंटर या छत डलवाने से बचें। माना जाता है कि इससे घर में कलह या अशांति रह सकती है।
- लकड़ी इकट्ठा करना: पुराने जमाने में लोग जलावन (ईंधन) इकट्ठा करते थे। ज्योतिष कहता है कि पंचक में घास, लकड़ी या ईंधन का भण्डारण नहीं करना चाहिए, इससे अग्नि का भय रहता है।
- चारपाई (बेड) बनवाना: नया पलंग या चारपाई खरीदना/बनवाना भी इन दिनों शुभ नहीं माना जाता।
- शव संस्कार के नियम: यह सबसे गंभीर नियम है। अगर पंचक के दौरान किसी की मृत्यु हो जाए, तो अंतिम संस्कार सामान्य तरीके से नहीं होता। पंडित जी से पूछकर 'कुशा' (घास) के 5 पुतले बनाकर साथ में जलाए जाते हैं, ताकि 'पंचक दोष' का असर खत्म हो जाए।
डरें नहीं, बस सावधानी बरतें
देखिए, आज के आधुनिक दौर में हम कई चीजों को अंधविश्वास मान सकते हैं। लेकिन ये परम्पराएं हमारे पूर्वजों के अनुभवों से निकली हैं। इसका मकसद आपको डराना नहीं, बल्कि सचेत करना है। अगर दिसंबर के इन दिनों में आपको कोई बहुत जरूरी काम करना भी पड़े, तो ज्योतिष सलाह लेकर उसका 'काट' या उपाय कर लें, फिर आगे बढ़ें।
तो अगर आप इस महीने के अंत में साउथ की तरफ कोई ट्रिप प्लान कर रहे हैं, तो कैलेंडर में 'पंचक' की तारीखें जरूर चेक कर लें। आखिर, “सावधानी हटी, दुर्घटना घटी”चाहे सड़क पर हो या सितारों की चाल में
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