पीरियड्स की डेट बार-बार बदल जाती है? दवाइयां नहीं, ये 3 योगासन करेंगे आपकी मदद
News India Live, Digital Desk: आजकल की तनाव भरी जिंदगी और बिगड़ते खान-पान का असर हमारी सेहत पर साफ दिखने लगा है, खासकर महिलाओं की सेहत पर। अनियमित पीरियड्स या पीरियड्स का समय पर न आना एक ऐसी आम समस्या बन गई है जिससे लगभग हर दूसरी महिला परेशान है। इसके लिए बार-बार डॉक्टर के चक्कर लगाना और दवाइयां खाना कई बार थका देने वाला होता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि इस समस्या का एक आसान और असरदार समाधान आपके घर में ही मौजूद है? जी हाँ, हम बात कर रहे हैं योग की।
योग सिर्फ शरीर को लचीला बनाने के लिए नहीं है, बल्कि यह हमारे शरीर के अंदरूनी सिस्टम, खासकर हॉर्मोन्स को संतुलित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। जब हम योग करते हैं, तो इससे तनाव का स्तर कम होता है, पेल्विक हिस्से (पेट के निचले भाग) में खून का दौरा बेहतर होता है और हॉर्मोन बनाने वाली ग्रंथियां ठीक से काम करने लगती हैं। यही वजह है कि कुछ खास योगासन अनियमित पीरियड्स की समस्या को जड़ से ठीक करने में मदद कर सकते हैं।
चलिए जानते हैं ऐसे ही 3 आसान योगासनों के बारे में जिन्हें आप आसानी से घर पर कर सकती हैं।
1. मलासन (Garland Pose)
यह आसन देखने में जितना आसान है, महिलाओं के लिए उतना ही फायदेमंद है। यह सीधे तौर पर पेट के निचले हिस्से पर काम करता है।
कैसे करें:
- पैरों के बीच थोड़ी दूरी बनाकर सीधे खड़े हो जाएं।
- अब धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ते हुए नीचे बैठें, जैसे आप उकड़ू बैठते हैं। ध्यान रहे कि आपके पंजे ज़मीन पर टिके रहें।
- दोनों कोहनियों को घुटनों के अंदर की तरफ रखें और हाथों को प्रार्थना की मुद्रा में जोड़ लें।
- कमर और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने की कोशिश करें।
- इस स्थिति में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रुकें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
क्यों है फायदेमंद: मलासन करने से पेल्विक एरिया में खिंचाव होता है और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। यह गर्भाशय (uterus) को स्वस्थ रखने और हॉर्मोन्स को नियंत्रित करने में मदद करता है।
2. बद्ध कोणासन (Butterfly Pose)
इस आसन को तितली आसन भी कहते हैं और यह महिलाओं की सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
कैसे करें:
- ज़मीन पर बैठ जाएं और अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
- अब घुटनों को मोड़कर दोनों पैरों के तलवों को आपस में मिला लें।
- एड़ियों को शरीर के जितना करीब हो सके, लाने की कोशिश करें।
- दोनों हाथों से पैरों के पंजों को पकड़ लें।
- अब धीरे-धीरे अपने दोनों घुटनों को तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे हिलाएं।
- इसे 1 से 2 मिनट तक करें।
क्यों है फायदेमंद: यह आसन जांघों और कूल्हों के हिस्से को खोलता है, तनाव दूर करता है और प्रजनन अंगों (reproductive organs) में खून के प्रवाह को बेहतर बनाता है, जिससे पीरियड्स नियमित होने में मदद मिलती है।
3. धनुरासन (Bow Pose)
यह आसन शरीर को एक खिंचे हुए धनुष का आकार देता है और पेट के अंगों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
कैसे करें:
- पेट के बल लेट जाएं।
- अब अपने घुटनों को मोड़ें और हाथों से टखनों (ankles) को पकड़ने की कोशिश करें।
- सांस अंदर लेते हुए, अपनी छाती और जांघों को ज़मीन से ऊपर उठाएं।
- आपका शरीर एक धनुष की तरह दिखना चाहिए।
- इस स्थिति में 15 से 20 सेकंड तक रुकें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
- फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।
क्यों है फायदेमंद: धनुरासन करने से पेट के अंगों की मालिश होती है, तनाव कम होता है और यह हॉर्मोन्स को बैलेंस करने में बहुत कारगर है।
एक जरूरी बात: योग का असर धीरे-धीरे होता है, इसलिए इन आसनों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और धैर्य रखें। अगर आपकी समस्या बहुत गंभीर है, तो योग के साथ-साथ डॉक्टर की सलाह लेना भी बहुत ज़रूरी है। योग एक सहायक चिकित्सा है, किसी बीमारी का इलाज नहीं।
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