कच्चे तेल की कीमतों में ठहराव, जानें क्या है बाजार का हाल
लगातार दो दिनों की गिरावट के बाद गुरुवार को कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता देखने को मिली. अमेरिकी एनर्जी इन्फॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन (EIA) की रिपोर्ट के बाद यह ठहराव आया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि जुलाई के बाद से अमेरिका के कच्चे तेल के भंडार में सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी हुई है, जिसके चलते तेल की कीमतें स्थिर हो गई हैं. बाजार में कमजोर मांग और वैश्विक स्तर पर तेल की अधिक सप्लाई का दबाव भी बना हुआ है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड का वायदा भाव 0.03% की मामूली बढ़त के साथ 63.54 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जबकि अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) वायदा 59.60 डॉलर प्रति बैरल पर स्थिर बना हुआ है. WTI पिछले दो सत्रों में 2.4% की गिरावट के साथ 60 डॉलर से नीचे कारोबार कर रहा था, और ब्रेंट क्रूड भी बुधवार को 64 डॉलर से नीचे बंद हुआ था.
EIA की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में कच्चे तेल का भंडार 52 लाख बैरल बढ़ा है. हालांकि, इसी रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अमेरिका में गैसोलीन का भंडार लगभग 50 लाख बैरल घटकर तीन साल के सबसे निचले स्तर पर आ गया है.
वैश्विक बाजार में तेल की अधिक सप्लाई की चिंता इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि ओपेक+ और गैर-सदस्य देशों ने उत्पादन बढ़ा दिया है. इसी कारण इस साल अमेरिकी बेंचमार्क में लगभग 17% की गिरावट आई है.कमोडिटी ट्रेडर मर्कुरिया के प्रमुख ने भी अबू धाबी में एक सम्मेलन में कहा कि तेल की अतिरिक्त आपूर्ति धीरे-धीरे बढ़ रही है और अगले साल यह 20 लाख बैरल प्रति दिन तक पहुंच सकती है.
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