Cricket Moment : दस साल बाद मैदान पर मिले दो पुराने दोस्त, गिल ने गले लगाकर ताज़ा की बचपन की यादें
News India Live, Digital Desk: क्रिकेट का मैदान सिर्फ हार-जीत का गवाह नहीं होता, बल्कि कई बार ऐसी खूबसूरत कहानियों को भी जन्म देता है, जो सालों तक याद की जाती हैं। एशिया कप 2025 में भारत और यूएई के बीच हुए मैच के बाद कुछ ऐसा ही दिल छू लेने वाला नज़ारा देखने को मिला, जब भारत के स्टार बल्लेबाज़ शुभमन गिल ने यूएई के गेंदबाज़ सिमरनजीत सिंह को गले लगा लिया। यह महज़ एक सामान्य मुलाकात नहीं थी, बल्कि दस साल से भी ज़्यादा पुराने दो दोस्तों का रीयूनियन था।
इस मैच से पहले, यूएई के बाएं हाथ के स्पिनर सिमरनजीत सिंह ने एक इंटरव्यू में अपनी पुरानी यादें ताज़ा करते हुए कहा था, "मैं शुभमन को तब से जानता हूं, जब वह बच्चा था। मुझे नहीं पता कि अब वह मुझे पहचानेगा भी या नहीं।
उनकी यह चिंता जायज़ भी थी। बात 2011-12 की है, जब मोहाली की पीसीए अकादमी में 35 साल के सिमरनजीत अभ्यास करते थे और करीब 12 साल के नन्हे शुभमन अपने पिता के साथ नेट्स पर आया करते थे। सिमरनजीत अक्सर अपना अभ्यास खत्म करने के बाद भी शुभमन को गेंदबाज़ी कराया करते थे।
वक़्त बदला, दोनों की राहें जुदा हो गईं। शुभमन गिल ने अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता और आज वो भारतीय क्रिकेट टीम के उप-कप्तान हैं।वहीं, सिमरनजीत का भारत के लिए खेलने का सपना तो पूरा नहीं हो पाया, लेकिन किस्मत उन्हें दुबई ले आई। कोविड-19 महामारी के दौरान दुबई में फंस जाने के बाद, उन्होंने वहीं रहकर मेहनत की और यूएई की राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह बना ली।
एशिया कप में जब दोनों खिलाड़ी एक-दूसरे के खिलाफ़ मैदान पर उतरे, तो सिमरनजीत के मन में यह सवाल था कि क्या शोहरत की बुलंदियों पर पहुँच चुका उनका वह पुराना दोस्त उन्हें याद भी रख पाएगा? मैच के दौरान भारत ने आसानी से यूएई को 9 विकेट से हरा दिया। मैच का विजयी चौका भी शुभमन गिल ने सिमरनजीत सिंह की गेंद पर ही लगाया।
लेकिन इसके ठीक बाद जो हुआ, उसने सबका दिल जीत लिया। गिल सीधे सिमरनजीत के पास गए, उनसे हाथ मिलाया और फिर गर्मजोशी से उन्हें गले लगा लिया।इस एक झप्पी ने सिमरनजीत के सारे सवालों का जवाब दे दिया और यह साबित कर दिया कि गिल अपनी जड़ें नहीं भूले हैं। यह भावुक पल कैमरे में कैद हो गया और अब सोशल मीडिया पर हर कोई इस दोस्ती की मिसाल दे रहा है। यह महज़ एक तस्वीर नहीं, बल्कि क्रिकेट के असली जज़्बे की कहानी है, जो बताती है कि खेल से बढ़कर भी कुछ रिश्ते होते हैं।
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