Court order : राजस्थान पशु परिचर भर्ती में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला,6433 पदों पर लगी रोक हटी, जल्द होगी नियुक्ति
- by Archana
- 2025-08-04 16:31:00
News India Live, Digital Desk: Court order : राजस्थान में पशु परिचर (एनिमल अटेंडेंट) के 6433 पदों पर भर्ती प्रक्रिया से जुड़ी एक बड़ी खबर आई है। राजस्थान हाईकोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक हटा दी है। कोर्ट ने भर्ती में सामान्यीकरण (स्केलिंग) के फॉर्मूले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे राज्य के युवाओं के लिए इन पदों पर नियुक्तियों का मार्ग प्रशस्त हो गया है। दरअसल, भर्ती विज्ञापन में स्केलिंग या नॉर्मलाइजेशन का उल्लेख न होने और नेगेटिव मार्किंग का ही जिक्र होने के कारण कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे।
आंकड़ों के अनुसार, इस भर्ती के लिए 17 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। जिन अभ्यर्थियों ने इस भर्ती को चुनौती दी थी, उनमें राज्य के विभिन्न जिलों जैसे डूंगरपुर, चूरू, नागौर, श्रीगंगानगर, चित्तौड़गढ़, सिरोही, पाली, बांसवाड़ा और बाड़मेर के लगभग 15 उम्मीदवार शामिल थे। उन्होंने तर्क दिया था कि भर्ती के विज्ञापन में स्केलिंग का कोई प्रावधान नहीं था और न ही रॉ मार्क्स व कट-ऑफ सार्वजनिक किए गए थे।
हालांकि, राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के तर्कों को अस्वीकार करते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही है। जस्टिस रेखा बोराणा की अदालत ने स्पष्ट किया कि परीक्षा से पहले ही यह घोषणा कर दी गई थी कि परीक्षा कई शिफ्टों में होगी और नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। 5 जून 2024 को जारी एक सर्कुलर में दी गई जानकारी को भर्ती के मूल विज्ञापन का हिस्सा माना गया। अदालत ने यह भी कहा कि जो उम्मीदवार बिना आपत्ति के चयन प्रक्रिया में भाग लेते हैं, वे असफल होने पर उस प्रक्रिया को चुनौती नहीं दे सकते।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व निर्णयों का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं है। याचिका 9 मई 2025 को दायर की गई थी और 13 मई को इस पर अंतरिम रोक लगाई गई थी, जिसे अब 24 जुलाई को कोर्ट ने खारिज करते हुए सभी स्टे और लंबित आवेदनों को समाप्त कर दिया है। राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड (RSMSSB) की ओर से पैरवी करते हुए बताया गया कि इतने बड़े स्तर की परीक्षा एक शिफ्ट में कराना संभव नहीं था।
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