Corruption in UP : योगी सरकार का बड़ा एक्शन, इंजीनियर के खिलाफ़ FIR के आदेश

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News India Live, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार को लेकर योगी सरकार का सख्त रवैया एक बार फिर देखने को मिला है। सरकारी धन के गलत इस्तेमाल के एक गंभीर मामले में, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने सिद्धार्थनगर में तैनात रहे एक अधिशासी अभियंता (Executive Engineer) के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। इस खबर के बाद से पूरे विभाग में हलचल मच गई है।

यह मामला अधिशासी अभियंता राकेश कुमार सिंह से जुड़ा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान वित्तीय नियमों की जमकर अनदेखी की और सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के मुताबिक, अधिशासी अभियंता राकेश कुमार सिंह पर आरोप है कि उन्होंने 13 अप्रैल 2017 से 5 फरवरी 2024 तक सिद्धार्थनगर में अपनी तैनाती के दौरान गंभीर वित्तीय अनियमितताएं कीं। शासन का कहना है कि उन्होंने परियोजनाओं की स्वीकृति में तय नियमों का पालन नहीं किया और मनमाने तरीके से सरकारी धन का इस्तेमाल किया।

जांच में पाया गया कि इंजीनियर ने बजट के उन मदों से पैसा खर्च कर दिया, जिनसे उन्हें नहीं करना चाहिए था। उन्होंने दो अलग-अलग मदों, 'अनुरक्षण एवं मरम्मत' और 'दैवीय आपदा' से पैसा निकालकर दूसरी परियोजनाओं पर लगा दिया। इस तरह उन्होंने करीब 15.67 करोड़ रुपये की देनदारी पैदा कर दी, जो नियमों के खिलाफ था।

शासन ने लिया गंभीर संज्ञान

मामला जब शासन के संज्ञान में आया तो इसे बेहद गंभीरता से लिया गया। वित्तीय प्रावधानों का ऐसा खुला उल्लंघन देखकर सरकार ने तुरंत कड़ा कदम उठाने का फैसला किया। शासन के संयुक्त सचिव सिद्धा शरण पाण्डेय ने विभाग के प्रमुख को एक पत्र लिखकर तत्काल प्रभाव से अधिशासी अभियंता राकेश कुमार सिंह के खिलाफ FIR दर्ज कराने का निर्देश दिया है।

इसके साथ ही, शासन को FIR की कॉपी भेजकर यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि मामले में कोई ढिलाई न बरती जाए।

विभाग में मचा हड़कंप

जैसे ही यह आदेश विभाग में पहुंचा, वहां हड़कंप मच गया। अब FIR दर्ज करने की तैयारी शुरू हो गई है और माना जा रहा है कि जल्द ही इंजीनियर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। यह मामला इस बात का संकेत है कि योगी सरकार सरकारी पैसे की बर्बादी को लेकर कितनी सख्त है और भ्रष्टाचार के मामलों में किसी भी अधिकारी को बख्शने के मूड में नहीं है। इस कार्रवाई से अन्य अधिकारियों को भी एक कड़ा संदेश गया है कि नियमों को ताक पर रखने का अंजाम बुरा हो सकता है।

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