Chhattisgarh crime : पुलिस हिरासत में 19 साल के लड़के की मौत, परिवार ने लगाए गंभीर आरोप, न्यायिक जांच के आदेश

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News India Live, Digital Desk:  छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले से एक झकझोर देने वाला मामला सामने आया है, जहां पुलिस हिरासत में एक 19 वर्षीय युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है और पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। मृतक के परिवार ने पुलिस पर मारपीट और प्रताड़ना का आरोप लगाया है, जिसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

यह घटना कोसीर थाना क्षेत्र की है। मृतक युवक का नाम प्रकाश कुमार भारद्वाज था और वह ग्राम पंचायत टिमरलगा का रहने वाला था।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, पुलिस ने प्रकाश कुमार भारद्वाज को चोरी के एक मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। उसे थाने में रखकर पूछताछ की जा रही थी। पुलिस का कहना है कि इसी दौरान युवक की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उसे इलाज के लिए तुरंत सारंगढ़ के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे रायगढ़ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। रायगढ़ ले जाते समय रास्ते में ही प्रकाश ने दम तोड़ दिया।

परिवार का क्या है आरोप?

दूसरी तरफ, मृतक के परिवार वाले पुलिस की कहानी पर यकीन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि हिरासत के दौरान पुलिस ने प्रकाश के साथ बेरहमी से मारपीट की, जिससे उसकी मौत हुई है। परिवार का कहना है कि पुलिस अब अपनी गलती छिपाने के लिए बीमारी का बहाना बना रही है। इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों और परिजनों ने थाने के बाहर जमा होकर अपना विरोध भी दर्ज कराया।

अब होगी न्यायिक जांच

पुलिस हिरासत में मौत एक बेहद गंभीर मामला होता है। नियमों के मुताबिक, ऐसे किसी भी मामले की न्यायिक जांच अनिवार्य होती है। इसी प्रक्रिया के तहत, जिला कलेक्टर ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं। इस जांच का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि युवक की मौत किन परिस्थितियों में हुई। जांच में निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा:

  • क्या युवक की मौत स्वभाविक थी या उसे प्रताड़ित किया गया?
  • क्या पुलिस ने हिरासत में लिए गए व्यक्ति के मानवाधिकारों का पालन किया?
  • क्या तबीयत बिगड़ने पर उसे तत्काल और सही मेडिकल सहायता दी गई?

न्यायिक जांच की रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी और अगर कोई पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई होगी। फिलहाल, इस घटना ने एक बार फिर पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों और मानवाधिकारों के मुद्दे को गरमा दिया है।

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