भरतपुर में कोहराम बिजली की चिंगारी बनी काल, 26 बकरियां जिंदा जल गईं और घरवाले झुलस गए

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News India Live, Digital Desk : राजस्थान के भरतपुर (Bharatpur) जिले से आज एक ऐसी खबर आई है, जिसे सुनकर किसी भी संवेदनशील इंसान का दिल पसीज जाएगा। हम अक्सर कहते हैं कि "गरीब की हाय और बेजुबान की आह" बहुत भारी होती है। भरतपुर के एक परिवार पर आज कुदरत का ऐसा ही कहर टूटा है।

बिजली के तारों से निकली महज एक चिंगारी (Spark) ने न सिर्फ एक हंसते-खेलते परिवार के सर से छत छीन ली, बल्कि उनकी रोजी-रोटी का साधन यानी 26 बकरियों को भी जिंदा जला दिया।

आइए, बेहद भारी मन से जानते हैं कि आखिर यह दुखद हादसा कैसे हुआ।

वह खौफनाक पल

घटना भरतपुर जिले की बताई जा रही है। एक परिवार अपने घर में आराम कर रहा था। पास ही उनके बाड़े (छप्पर) में उनकी बकरियां बंधी थीं, जो उस गरीब परिवार के लिए बच्चों की तरह थीं और कमाई का इकलौता जरिया भी।

अचानक बिजली के तारों (हाई टेंशन या लोकल लाइन) में स्पार्किंग हुई और उससे निकली आग की चिंगारी सीधे उनके छप्पर (Fodder/Straw House) पर जा गिरी। सूखी घास और लकड़ी होने के कारण आग ने पलक झपकते ही विकराल रूप ले लिया।

बेजुबानों की चीखें और लाचारी

सबसे दर्दनाक पहलू यह रहा कि बकरियां खूंटे से बंधी हुई थीं। आग लगते ही उन्होंने भागने की कोशिश की होगी, लेकिन रस्सियों ने उन्हें जकड़ रखा था।
जब तक घरवाले आग बुझाने दौड़े, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। देखते ही देखते 26 बकरियां जिंदा जल गईं। यह मंजर इतना खौफनाक था कि देखने वालों की रूह कांप गई।

बचाने के चक्कर में घरवाले भी घायल

अपनी आंखों के सामने अपनी पूंजी और पालतू जानवरों को जलता देख परिवार के लोगों ने आग में कूदने की कोशिश की।

  • 3 लोग घायल: बकरियों को बचाने के प्रयास में परिवार के 3 सदस्य भी बुरी तरह झुलस गए हैं।
  • अस्पताल में भर्ती: घायलों को तुरंत पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।

गृहस्थी हुई राख

सिर्फ जान का ही नुकसान नहीं हुआ, बल्कि आग ने घर का सारा सामान भी जलाकर खाक कर दिया। अनाज, कपड़े, और रोजमर्रा का सामान— सब कुछ स्वाहा हो गया। गांव वालों ने मशक्कत करके आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक तबाही मच चुकी थी।

प्रशासन से आस

इस हादसे ने परिवार को सड़क पर ला दिया है। 26 बकरियों की कीमत लाखों में होती है, जो एक ग्रामीण परिवार के लिए 'फिक्स्ड डिपॉजिट' जैसी होती हैं।
पीड़ित परिवार अब प्रशासन और सरकार की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है। मुआवजे की मांग की जा रही है ताकि वे अपनी जिंदगी दोबारा शुरू कर सकें।

हमारी भगवान से प्रार्थना है कि घायलों को जल्द स्वस्थ करें और परिवार को इस गहरे सदमे से उबरने की शक्ति दें। बिजली विभाग को भी जर्जर तारों की सुध लेनी चाहिए ताकि फिर किसी गरीब का आशियाना न उजड़े।

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