Change the way of drinking milk with age: नहीं तो फायदे की बजाय देगा ये नुकसान हो जाएं सतर्क

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News India Live, Digital Desk: दूध को संपूर्ण आहार माना जाता है, जो बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के लिए पोषक तत्वों का खजाना है। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन और कई खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने और शरीर के विकास के लिए बेहद जरूरी हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ दूध पीने की आदतों और इसकी मात्रा में बदलाव करना बेहद आवश्यक है? अगर इस पर ध्यान न दिया जाए, तो फायदे की बजाय दूध आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।

दरअसल, जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारे शरीर का पाचन तंत्र और चयापचय (मेटाबॉलिज्म) धीमा हो जाता है। बचपन में जहां दूध आसानी से पच जाता है, वहीं बुढ़ापे में लैक्टोज को पचाने की क्षमता कम होने लगती है। ऐसे में भारी या बहुत अधिक दूध का सेवन अपच, गैस, पेट फूलना और यहां तक कि दस्त जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। अगर आपको लैक्टोज असहिष्णुता (लैक्टोज इंटॉलेरेंस) की समस्या है, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अधिक मात्रा में दूध पीने से मोटापा बढ़ने का खतरा भी होता है, खासकर जब आप पहले से ही निष्क्रिय जीवनशैली जी रहे हों। दूध में फैट और कैलोरी की मात्रा होती है, जो अगर शरीर द्वारा ठीक से खर्च न की जाए, तो वजन बढ़ा सकती है।

उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों के लिए कैल्शियम महत्वपूर्ण रहता है, लेकिन इसका सेवन कैसे किया जाए, यह मायने रखता है। बहुत से लोग दूध से कैल्शियम प्राप्त करने की सोचते हैं, लेकिन यदि पाचन तंत्र कमजोर हो, तो इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता। ऐसे में हड्डियों के लिए केवल दूध पर निर्भर न रहें, बल्कि पनीर, दही, फोर्टिफाइड अनाज और हरी पत्तेदार सब्जियों को भी अपने आहार में शामिल करें।

उम्र बढ़ने के साथ दूध के सेवन में ये बदलाव कर सकते हैं:

कम फैट वाला दूध चुनें: फुल-फैट दूध की बजाय टोंड, स्किम्ड या लो-फैट दूध का विकल्प चुनें।

कम मात्रा में पिएं: एक बार में अधिक मात्रा में दूध पीने की बजाय थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लें, या पूरे दिन में बांटकर पिएं।

सोया या बादाम दूध जैसे विकल्प: यदि लैक्टोज से समस्या है, तो पौधों पर आधारित दूध जैसे सोया दूध, बादाम दूध या ओट्स दूध आजमा सकते हैं।

दूध को उबालकर और ठंडा करके पिएं: भारतीय परंपरा में उबला और गुनगुना दूध पीना अधिक पाचक माना जाता है।

रात को सोने से तुरंत पहले पीने से बचें: कई बार यह अपच का कारण बन सकता है, सोने से कम से कम एक घंटे पहले पिएं।

संक्षेप में, दूध एक पोषक तत्व युक्त पेय है, लेकिन हर उम्र में इसका सेवन शरीर की आवश्यकताओं और पाचन क्षमता के अनुरूप ही होना चाहिए।

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