Budget 2025: टैक्स नियमों में बदलाव से म्यूचुअल फंड में बढ़ेगी निवेशकों की रुचि

Mutual Fund

म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आगामी बजट 2025 में बड़ी उम्मीदें हैं। इंडस्ट्री का मानना है कि अगर टैक्स नियमों में बदलाव होता है, तो खासतौर पर डेट और इक्विटी फंड्स में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ेगी। इससे लॉन्ग-टर्म सेविंग्स के लिए निवेश करने वाले निवेशक म्यूचुअल फंड्स को अधिक प्राथमिकता देंगे।

2023 में हुए थे टैक्स नियमों में बदलाव

  • डेट म्यूचुअल फंड्स के लिए मौजूदा नियम:
    • 1 अप्रैल, 2023 से, डेट म्यूचुअल फंड्स पर कैपिटल गेंस को शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेंस माना जाता है।
    • इस पर 20% टैक्स लगाया जाता है।
  • AMFI का प्रस्ताव:
    • डेट म्यूचुअल फंड्स को 12 महीने के बाद बेचने पर 12.5% टैक्स लगाया जाए।
    • यह नियम लिस्टेड बॉन्ड्स पर लागू होता है, इसलिए इसे म्यूचुअल फंड्स पर भी लागू किया जाना चाहिए।

AMFI (एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया) का कहना है कि भारत को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए बॉन्ड मार्केट को बढ़ावा देना होगा। इसके लिए रिटेल निवेशकों की भागीदारी बढ़ाना बेहद जरूरी है।

एसटीटी में कमी की मांग

म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग पर लगने वाले Securities Transaction Tax (STT) को कम करने की अपील की है।

  • एफएंडओ ट्रेडिंग में बढ़ी लागत:
    • आर्बिट्राज और इक्विटी सेविंग्स फंड्स हेजिंग के लिए एफएंडओ ट्रेडिंग करते हैं।
    • SEBI द्वारा F&O ट्रेडिंग पर STT बढ़ाए जाने से इन फंड्स की लागत में वृद्धि हुई है।
  • AMFI की उम्मीद:
    • AMFI के CEO वेंकट चालसानी का कहना है कि वित्त मंत्री इन मांगों पर ध्यान देंगी।
    • STT में कमी से आर्बिट्राज और इक्विटी सेविंग्स फंड्स को फायदा होगा।

डेट फंड्स में निवेश को बढ़ावा देना जरूरी

  • वर्तमान स्थिति:
    • निवेशकों की रुचि ज्यादातर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में रहती है।
    • बॉन्ड म्यूचुअल फंड्स में निवेश अभी भी सीमित है।
  • डेट फंड्स के लिए टैक्स में छूट की मांग:
    • टैक्स नियमों में बदलाव से डेट म्यूचुअल फंड्स में निवेशकों की रुचि बढ़ सकती है।
    • इससे डेट मार्केट का भी विस्तार होगा।

बजट 2025 से क्या उम्मीदें?

  1. डेट म्यूचुअल फंड्स के लिए टैक्स रियायत:
    • AMFI का सुझाव है कि डेट फंड्स को लिस्टेड बॉन्ड्स के समान टैक्स ट्रीटमेंट दिया जाए।
  2. STT में कमी:
    • फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस पर STT रेट्स को कम कर पुरानी स्थिति में लाया जाए।
  3. बॉन्ड मार्केट में रिटेल निवेश बढ़ाना:
    • टैक्स में बदलाव से बॉन्ड म्यूचुअल फंड्स को अधिक आकर्षक बनाया जा सकता है।