Bollywood : अमिताभ बच्चन ने क्यों कहा यह घिनौना है? पूरा मामला दोस्ती और सम्मान से जुड़ा है
News India Live, Digital Desk: पर्दे पर "ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे" गाने वाले जय और वीरू की दोस्ती असल जिंदगी में भी एक मिसाल है। अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र, इन दो दिग्गजों ने हमें हमेशा दोस्ती के सही मायने सिखाए हैं। इसीलिए, जब एक दोस्त मुश्किल में हो और दुनिया उसके दर्द का तमाशा बना रही हो, तो दूसरे का चुप रहना नामुमकिन है। हाल ही में कुछ ऐसा ही हुआ जिसने दोस्ती और इंसानियत, दोनों पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
क्या थी वो दिल दुखाने वाली घटना?
बॉलीवुड के लेजेंड धर्मेंद्र जी कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। यह उनके और उनके परिवार के लिए एक मुश्किल और निजी समय था। लेकिन इसी बीच, किसी ने इंसानियत को ताक पर रखकर अस्पताल के अंदर से उनकी एक वीडियो बना ली, जिसमें वह काफी कमजोर अवस्था में थे। चंद पलों में यह वीडियो इंटरनेट पर आग की तरह फैल गया।
यह किसी के निजी पलों पर एक हमला था। यह उस इंसान के सम्मान पर हमला था जिसे पूरा देश प्यार करता है। इस घटना से देओल परिवार, खासकर सनी देओल, बहुत आहत और गुस्से में थे।
जब दोस्ती ने तोड़ी चुप्पी
इस पूरे हंगामे के बीच, एक आवाज़ उठी जिसने सबका ध्यान खींच लिया। यह आवाज़ थी धर्मेंद्र के सबसे करीबी दोस्तों में से एक, अमिताभ बच्चन की। उन्होंने अपने ब्लॉग और सोशल मीडिया पर किसी का नाम लिए बिना कुछ ऐसी बातें लिखीं, जो सीधे दिल पर लगती हैं।
उन्होंने लिखा: "No ethics .. no sense of responsibility .. just an avenue of personal gain, without any consideration of the moment … Disturbing and disgusting."
सरल शब्दों में कहें तो, "कोई नैतिकता नहीं... कोई ज़िम्मेदारी नहीं... बस अपने फायदे का एक रास्ता, उस पल का ज़रा भी ख्याल किए बिना... यह बहुत परेशान करने वाला और घिनौना है।"
इन शब्दों का क्या मतलब है?
अमिताभ जी का यह पोस्ट सिर्फ चंद शब्द नहीं, बल्कि उस पूरी मानसिकता पर एक तमाचा है जो लाइक्स, व्यूज और वायरल होने के लिए किसी भी हद तक गिर सकती है। उनका गुस्सा यह बता रहा था कि जब आपका दोस्त दर्द में हो, तो आपको उसके साथ खड़े होना चाहिए, न कि उसकी तस्वीर खींचकर दुनिया को दिखानी चाहिए।
यह दिखाता है कि जय-वीरू की दोस्ती सिर्फ फिल्मों के लिए नहीं थी। यह एक गहरा और सच्चा रिश्ता है, जहाँ एक दोस्त का दर्द दूसरे को भी उतना ही महसूस होता है। यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि चाहे हम टेक्नोलॉजी में कितने भी आगे बढ़ जाएं, अगर हम इंसानियत और किसी के सम्मान का ख्याल रखना भूल गए, तो सब बेकार है।
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