Bihar Politics : बिहार में सियासी भूचाल ,प्रशांत किशोर ने समूचे BJP-JDU नेतृत्व पर किया वार, ये नेता हुए शिकार

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News India Live, Digital Desk: चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर बिहार में अपनी 'जन सुराज यात्रा' के दौरान लगातार राजनीतिक हमले बोल रहे हैं, जिससे बिहार का सियासी तापमान हमेशा गर्म बना रहता है. वह रोज किसी न किसी बड़े नेता को अपने निशाने पर ले रहे हैं और उनके कामकाज या कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं. इस बार उन्होंने भाजपा और जदयू के कई बड़े नेताओं को घेरा है, जिसमें सम्राट चौधरी, अशोक चौधरी, मंगल पांडे, और संजय जायसवाल जैसे प्रमुख चेहरे शामिल हैं. यह उनके बिहार में एक मजबूत वैकल्पिक राजनीतिक शक्ति बनाने के अभियान का हिस्सा है.

किस पर किया प्रशांत किशोर ने हमला?

अपनी जन सुराज यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने हाल ही में जिन नेताओं को अपने निशाने पर लिया है, उनमें प्रमुख हैं:

  1. सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary): भाजपा के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर प्रशांत किशोर ने हमला बोला. उन्होंने उनके काम करने के तरीके और राजनीतिक वादों को लेकर सवाल उठाए. हालांकि, प्रशांत किशोर ने अपने बयान में क्या विशेष बातें कही, इसकी सटीक जानकारी तो नहीं है, लेकिन उन्होंने उनके सार्वजनिक जीवन पर प्रश्न चिन्ह लगाए.
  2. अशोक चौधरी (Ashok Choudhary): जदयू के बड़े नेता और नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी भी प्रशांत किशोर के निशाने पर आए. उन पर पहले भी प्रशांत किशोर ने 500 करोड़ की कमीशनखोरी के आरोप लगाए हैं. प्रशांत किशोर लगातार उन पर टेंडर में भ्रष्टाचार को लेकर हमला बोल रहे हैं.
  3. मंगल पांडे (Mangal Pandey): बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता मंगल पांडे को भी प्रशांत किशोर ने अपने तीखे सवालों का सामना कराया. उनके कार्यकाल और सार्वजनिक बयानबाजी पर भी प्रशांत किशोर ने सवाल उठाए.
  4. दिलीप जायसवाल (Dilip Jaiswal): बिहार के एक अन्य प्रभावशाली भाजपा नेता दिलीप जायसवाल पर भी प्रशांत किशोर ने तंज कसा.
  5. संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal): भाजपा के एक और प्रमुख चेहरे संजय जायसवाल पर भी प्रशांत किशोर ने अपने हमलावर अंदाज में कटाक्ष किए.

प्रशांत किशोर लगातार बिहार में मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था और नेताओं पर सवाल उठा रहे हैं, उनका दावा है कि बिहार के लोगों के लिए वर्तमान नेता कुछ खास नहीं कर रहे हैं. उनकी यह रणनीति बिहार की जनता के बीच अपनी पैठ बनाने और 'जन सुराज' आंदोलन को सफल बनाने की है. इन हमलों का मकसद इन नेताओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना और खुद को एक मजबूत विकल्प के तौर पर पेश करना है. अब देखना यह है कि ये नेता प्रशांत किशोर के इन हमलों पर कैसे पलटवार करते हैं और बिहार की राजनीति में इसका क्या असर पड़ता है.

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