Bihar Politics : अमित शाह और नीतीश कुमार की सीक्रेट मीटिंग, लोकसभा 2025 की क्या है प्लानिंग
News India Live, Digital Desk: बिहार की राजनीति में गरमाहट तेज़ हो गई है. आगामी लोकसभा चुनाव 2025 (Lok Sabha Election 2025) से पहले एनडीए (NDA) गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर शीर्ष स्तर पर मंथन शुरू हो गया है. इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (जो जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच दिल्ली में एक बड़ी बैठक हुई. इस मुलाकात का मुख्य एजेंडा बिहार में बीजेपी (BJP) और जदयू (JDU) के बीच सीट-बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप देना था, जो कि 2024 के लोकसभा चुनावों में गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
बैठक में क्या-क्या हुआ?
नीतीश कुमार और अमित शाह के बीच हुई इस बैठक में कई अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई:
- सीट बंटवारा: सबसे अहम चर्चा का विषय आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में एनडीए के घटक दलों - बीजेपी और जदयू के बीच सीटों का बंटवारा था. पिछले अनुभवों और मौजूदा राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए, दोनों दल अपनी-अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं.
- 'बड़ा भाई' का दर्जा: चर्चा के दौरान यह समझने की कोशिश की गई कि दोनों पार्टियों में से 'बड़ा भाई' कौन होगा. पिछले चुनावों में बीजेपी ने लोकसभा सीटों पर ज़्यादा सफलता हासिल की थी, जबकि जदयू नीतीश कुमार के नेतृत्व के कारण राज्य की राजनीति में अपना दबदबा बनाए हुए है.
- पारस्परिक सम्मान और स्वीकार्यता: दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला ऐसा होना चाहिए जिससे दोनों पार्टियों को सम्मानजनक हिस्सेदारी मिले और किसी भी प्रकार की असहमति न हो. गठबंधन की मजबूती के लिए यह स्वीकार्यता बेहद अहम है.
- चुनाव रणनीति: सीटों के बंटवारे के साथ-साथ, चुनाव जीतने के लिए आगे की रणनीति और प्रचार अभियान की रूपरेखा पर भी बात हुई होगी. बिहार जैसे राजनीतिक रूप से जागरूक राज्य में हर सीट मायने रखती है.
- गठबंधन का भविष्य: इस बैठक से यह भी स्पष्ट होता है कि दोनों पार्टियाँ मिलकर आगामी चुनावों का सामना करना चाहती हैं और गठबंधन की नींव को मज़बूत बनाए रखना चाहती हैं.
इस बैठक के बाद ही एनडीए का अंतिम सीट बंटवारा फॉर्मूला सामने आने की उम्मीद है. बिहार में कांग्रेस, राजद (RJD) और अन्य क्षेत्रीय दलों के गठबंधन 'महागठबंधन' की चुनौती को देखते हुए, बीजेपी और जदयू दोनों ही मज़बूत रणनीति के साथ मैदान में उतरना चाहते हैं. नीतीश कुमार का पाला बदलना बिहार की राजनीति में कोई नई बात नहीं है, ऐसे में उनकी बीजेपी के साथ केमिस्ट्री भी गठबंधन के भविष्य को तय करेगी. आने वाले दिन बिहार की राजनीति में काफी दिलचस्प होने वाले हैं.
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