Bihar Politics : हार की 100% ज़िम्मेदारी मेरी है ,प्रशांत किशोर ने विफलता स्वीकारी, प्रायश्चित के लिए रखेंगे मौन व्रत

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News India Live, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी 'जन सुराज' को मिली करारी हार के बाद आखिरकार उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी है. चुनाव में एक भी सीट न जीत पाने की विफलता को स्वीकार करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि इस हार की 100 प्रतिशत ज़िम्मेदारी वह खुद लेते हैं. पटना में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह बिहार की जनता को यह समझाने में नाकाम रहे कि उन्हें वोट क्यों और किस आधार पर देना चाहिए.

गांधी आश्रम में रखेंगे एक दिन का मौन व्रत

अपनी इस विफलता पर पश्चाताप करने के लिए प्रशांत किशोर ने 20 नवंबर को पश्चिमी चंपारण के भितिहरवा स्थित गांधी आश्रम में एक दिन का मौन व्रत रखने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा, "यह मेरे लिए आत्मनिरीक्षण और अपनी गलतियों से सीखने का समय है."

"बिहार छोड़कर नहीं जा रहा" - आगे की लड़ाई जारी रखने का संकल्प

चुनाव में 'जन सुराज' के 98% उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाने के बावजूद प्रशांत किशोर ने यह साफ कर दिया है कि उनका बिहार छोड़ने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कहा, "जो लोग यह सोच रहे हैं कि मैं हार के बाद पटना या बिहार छोड़कर भाग जाऊंगा, वे गलतफहमी में हैं. मैं यहीं रहूंगा और दोगुनी ताकत से अपने काम में लगूंगा. हमारा लक्ष्य बिहार में व्यवस्था बदलना है, और यह लड़ाई जारी रहेगी."

नीतीश कुमार पर क्या बोले पीके?

इस दौरान जब उनसे नीतीश कुमार के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी नीतीश को व्यक्तिगत तौर पर भ्रष्ट नहीं कहा. उन्होंने कहा, "मेरी लड़ाई किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि बिहार में पिछले 30-35 सालों से चली आ रही उस व्यवस्था के खिलाफ है जो जातिवाद और भ्रष्टाचार पर आधारित है."

प्रशांत किशोर के इस बयान से साफ है कि चुनावी मैदान में बड़ी हार के बावजूद उन्होंने अभी हिम्मत नहीं हारी है और बिहार की राजनीति में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे.

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