Bihar Panchayat Elections: पहले चरण में मतदाताओं का ज़बरदस्त उत्साह, कहीं 95% तक वोटिंग

Post

News India live, Digital Desk : Bihar Panchayat Elections: बिहार में इन दिनों एक नई 'ग्राम सरकार' को चुनने की तैयारी जोरों पर है और इसकी शुरुआत शानदार हुई है। हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनाव के पहले चरण में मतदाताओं ने अभूतपूर्व उत्साह दिखाया, जिसने न केवल अधिकारियों को बल्कि पूरे प्रदेश को चौंका दिया। जहाँ विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अक्सर उतनी भागीदारी नहीं दिखती, वहीं इस बार ग्रामीणों ने दिखा दिया कि जब अपने गाँव की सरकार चुनने की बात आती है, तो वे कितने जागरूक और समर्पित हैं।

पहले चरण में रिकॉर्डतोड़ मतदान:
राज्य में 11 चरणों में होने वाले इस बड़े लोकतांत्रिक अभ्यास का पहला पड़ाव कुछ दिन पहले सफलतापूर्वक पूरा हुआ। कुल 6 जिलों में, खासकर गया जिले के शेर ब्लॉक में, तो मतदाताओं ने वोटिंग का नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया। यहाँ 95% तक वोटिंग हुई, जो कि किसी भी चुनाव के लिए एक असाधारण आँकड़ा है। सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक चले इस मतदान के दौरान, हर पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं। इसमें महिलाएँ, युवा, और बुजुर्ग सभी बड़ी संख्या में शामिल हुए, जो अपने गाँव के भविष्य के लिए जनप्रतिनिधि चुनने के लिए उत्सुक थे।

स्थानीय चुनाव का महत्व:
यह रिकॉर्ड मतदान साफ दर्शाता है कि बिहार के ग्रामीण इलाकों में लोग अब स्थानीय विकास और शासन को लेकर कितने गंभीर हो चुके हैं। वे अच्छी तरह समझते हैं कि मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य जैसे पद सीधे उनके जीवन को प्रभावित करते हैं। इन जनप्रतिनिधियों पर ही गाँव की मूलभूत सुविधाओं, जैसे सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं को गाँव तक पहुँचाने की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में सही और काबिल उम्मीदवार का चुनाव करना उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।

आगे की राह: 11 चरणों का लंबा सफर:
पहले चरण की सफलता के बाद, अब राज्य में दूसरे चरण के मतदान की तैयारी चल रही है, जो 29 सितंबर को होना है। यह सिलसिला 11 चरणों तक चलेगा और आख़िरी चरण का मतदान 12 दिसंबर को संपन्न होगा। सभी चरणों की मतगणना 14 और 15 दिसंबर को होनी तय है, जिसके बाद पूरी तरह से 'ग्राम सरकार' का गठन हो जाएगा। इन चुनावों में बिहार के कुल 38 जिलों के ग्रामीण इलाकों के लाखों पदों के लिए प्रतिनिधि चुने जाएँगे, जिनमें मुखिया, सरपंच, ग्राम पंचायत सदस्य, पंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य शामिल हैं।

सुरक्षा और निष्पक्षता की तैयारी:
राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनावों को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से संपन्न कराने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। हर चरण में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहती है। पुलिस बल और होमगार्ड के जवान तैनात रहते हैं, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो। इन चुनावों में कुछ पदों के लिए ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का इस्तेमाल किया जा रहा है, वहीं कुछ के लिए पारंपरिक मतपत्रों का भी प्रयोग होगा, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

बिहार पंचायत चुनाव केवल एक राजनीतिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह ग्रामीणों की सशक्त भागीदारी, स्थानीय मुद्दों की प्राथमिकता और गाँवों में सही मायने में स्वशासन स्थापित करने का एक बड़ा माध्यम है। इस चुनावी महापर्व में ग्रामीणों का उत्साह निश्चित रूप से एक मजबूत और प्रगतिशील बिहार की नींव रख रहा है।

--Advertisement--

--Advertisement--