Bihar Legislative Assembly : प्रेम कुमार बने नए स्पीकर, तेजस्वी यादव के संस्का और नीतीश की मुस्कान ने जीता दिल
News India Live, Digital Desk : बिहार की राजनीति में कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता। यहाँ सत्ता बदलती है, गठबंधन टूटते और बनते हैं, लेकिन आज विधानसभा के अंदर जो नजारा देखने को मिला, वह भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती बयां करने वाला था। एक तरफ सत्ता पक्ष के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दूसरी तरफ विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव दोनों एक ही फ्रेम में नजर आए और वह भी मुस्कुराते हुए।
मौका था बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष (Speaker) के चुनाव का। आइए, आसान भाषा में जानते हैं कि आज सदन के अंदर क्या खास हुआ।
निर्विरोध चुने गए डॉ. प्रेम कुमार
सबसे पहले बात नए 'कप्तान' की। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और गया शहर से 8 बार विधायक रह चुके डॉ. प्रेम कुमार को बिहार विधानसभा का नया स्पीकर चुन लिया गया है। अच्छी बात यह रही कि उनके खिलाफ किसी ने नामांकन ही नहीं भरा था, इसलिए उनका चुनाव निर्विरोध (Unopposed) हुआ। इसका मतलब है कि पक्ष और विपक्ष, दोनों ने उनकी वरिष्ठता का सम्मान किया है।
प्रेम कुमार का अनुभव बहुत पुराना है और वे एक बेहद सौम्य स्वभाव के नेता माने जाते हैं।
जब तेजस्वी ने छुए पैर: 'संस्कार' की चर्चा
राजनीति अपनी जगह है, लेकिन बड़ों का आदर अपनी जगह। आज सदन में एक ऐसा पल आया जिसने सबको भावुक कर दिया। जैसे ही प्रेम कुमार के नाम का ऐलान हुआ, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) अपनी सीट से उठे और सीधे प्रेम कुमार के पास गए। उन्होंने न केवल हाथ जोड़कर बधाई दी, बल्कि झुककर उनके पैर भी छुए।
यह दृश्य दिखाता है कि विचारधाराएं अलग हो सकती हैं, पार्टियां अलग हो सकती हैं, लेकिन आपसी सम्मान खत्म नहीं होना चाहिए। तेजस्वी के इस व्यवहार की सोशल मीडिया पर खूब तारीफ हो रही है।
नीतीश और तेजस्वी साथ-साथ
संसदीय परंपरा है कि जब स्पीकर चुना जाता है, तो सदन के नेता (CM) और नेता प्रतिपक्ष (Opposition Leader) दोनों मिलकर उन्हें उनके आसन (कुर्सी) तक छोड़ने जाते हैं। आज वही हुआ। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव, जो कुछ दिनों पहले तक एक-दूसरे पर तीखे वार कर रहे थे, आज साथ मिलकर प्रेम कुमार को सम्मान के साथ स्पीकर की कुर्सी तक लेकर गए। तीनों के चेहरों पर हंसी थी, जो सदन के तनाव को कम करने के लिए काफी थी।
उम्मीदें और वादे
कुर्सी संभालने के बाद डॉ. प्रेम कुमार ने सभी का आभार जताया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे "निष्पक्ष" (Impartial) रहेंगे। यानी, चाहे सत्ता पक्ष का विधायक हो या विपक्ष का, सबको अपनी बात रखने का बराबर मौका मिलेगा।
तेजस्वी यादव ने भी चुटकी लेते हुए और गंभीरता के साथ कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि आप अभिभावक की तरह सदन चलाएंगे और विपक्ष की आवाज को दबने नहीं देंगे।" वहीं, सीएम नीतीश कुमार ने उनके पुराने अनुभवों को याद करते हुए बधाई दी।
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