Bihar Elections 2025 : योगी आदित्यनाथ को मिली ऐसी डिमांड, जानकर चौंक जाएंगे, बीजेपी ने किया ये बड़ा प्लान
News India Live, Digital Desk: Bihar Elections 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल भले ही अभी आधिकारिक रूप से बजा न हो, लेकिन राजनीतिक दलों में तैयारियां तेज हो गई हैं. इसी क्रम में, भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके सहयोगी दलों की नज़र एक ऐसे 'स्टार प्रचारक' पर टिकी है, जिनकी लोकप्रियता और जनसमर्थन का लोहा हर कोई मानता है – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ! खबर है कि बिहार में भाजपा के सहयोगी दल सीएम योगी की रैलियों और जनसभाओं के लिए जबरदस्त मांग कर रहे हैं, जिससे यह साफ होता है कि बीजेपी बिहार में उनकी ब्रांडिंग का पूरा फायदा उठाना चाहती है.
कितनी रैलियों की है मांग?
रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार में BJP और उनके सहयोगी दलों की तरफ से योगी आदित्यनाथ की लगभग 50 चुनावी रैलियों की मांग उठाई गई है. इतना ही नहीं, बीजेपी ने इन 50 संभावित रैलियों में से 24 जनसभाओं का शुरुआती खाका (Initial Outline) भी तैयार कर लिया है, जिसके अनुसार सीएम योगी की उपस्थिति इन सीटों पर सुनिश्चित करने की योजना बन रही है.
क्यों है योगी आदित्यनाथ की इतनी डिमांड?
- कट्टर हिंदुत्व का चेहरा: योगी आदित्यनाथ देश में हिंदुत्व का एक बड़ा चेहरा माने जाते हैं. बिहार में भी बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता हैं जो उनके इस स्टैंड से प्रभावित होते हैं.
- करिश्माई व्यक्तित्व और प्रभावी भाषण: उनकी भाषण शैली बेहद प्रभावी है और वे अपनी बात बेबाकी से रखते हैं, जिससे भीड़ खींचने में वे सफल रहते हैं.
- विकास का मॉडल (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश में उनके प्रशासन और विकास के दावे भी बिहार में एक बड़े वर्ग को आकर्षित करते हैं.
- युवाओं और पारंपरिक वोटरों पर पकड़: युवाओं और भाजपा के पारंपरिक वोटरों में उनकी गहरी पैठ है, जो चुनाव में जीत के लिए महत्वपूर्ण साबित होती है.
- पड़ोसी राज्य का प्रभाव: उत्तर प्रदेश और बिहार पड़ोसी राज्य हैं और कई मामलों में दोनों की संस्कृति और सामाजिक ताना-बाना समान है, इसलिए योगी का प्रभाव बिहार में अधिक देखा जाता है.
आगे की रणनीति:
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा अब इन मांगों पर विचार किया जाएगा और योगी आदित्यनाथ के व्यस्त कार्यक्रम के अनुसार रैलियों की अंतिम संख्या और स्थानों को अंतिम रूप दिया जाएगा. इन रैलियों के जरिए बीजेपी बिहार में अपने पक्ष में माहौल बनाना चाहती है और विरोधियों पर बढ़त हासिल करना चाहती है. यह देखना दिलचस्प होगा कि सीएम योगी की कितनी रैलियाँ अंतिम रूप से तय होती हैं और उनका बिहार के चुनावी नतीजों पर क्या असर पड़ता है.
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