Bihar Education System : बिहार का वो स्कूल, जहाँ सवाल पूछने पर नहीं, झाड़ू न लगाने पर हड्डी तोड़ी जाती है
News India Live, Digital Desk: Bihar Education System : एक बच्चा स्कूल क्या सोचकर जाता है? यही कि वो वहाँ कुछ नया सीखेगा, पढ़ेगा, खेलेगा और एक बेहतर इंसान बनेगा। माँ-बाप भी अपने जिगर के टुकड़े को इसी भरोसे के साथ स्कूल भेजते हैं कि वहाँ वो महफूज रहेगा और उसका भविष्य बनेगा। लेकिन जब विद्या के मंदिर में ही गुरु के रूप में कोई हैवान बैठा हो तो क्या कहेंगे?
यह शर्मनाक और दिल दहला देने वाली घटना बिहार के नालंदा जिले के एक सरकारी स्कूल की है, जहाँ एक शिक्षक ने मामूली सी बात पर पांचवीं कक्षा के छात्र को इतना पीटा कि उसकी टांग ही टूट गई।
सिर्फ इसलिए कि बरामदे में झाड़ू नहीं लगाई थी...
हुआ यूँ कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय, मोरारपुर के शिक्षक निखिल कुमार ने कुछ छात्रों को क्लासरूम और स्कूल परिसर में झाड़ू लगाने का आदेश दिया। पीड़ित छात्र सूरज कुमार ने अपने साथियों के साथ क्लासरूम में तो झाड़ू लगा दी, लेकिन बरामदे में सफाई नहीं की। बस इतनी सी बात पर शिक्षक का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया और उसने सूरज समेत तीन छात्रों की बेरहमी से पिटाई कर दी।
मार इतनी भयानक थी कि सूरज कुमार के बाएं पैर की हड्डी टूट गई। जब ये खबर बच्चे के परिवार वालों और गाँव वालों को मिली तो उनका गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने स्कूल को घेर लिया और आरोपी शिक्षक के खिलाफ जमकर हंगामा किया। परिवार वालों ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है और न्याय की गुहार लगाई है। बताया जा रहा है कि मारपीट के दौरान शिक्षक ने जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया था। इस आरोप के बाद मामले को एससी-एसटी थाने में भेजा गया है।
एक घटना, कई गंभीर सवाल
यह घटना सिर्फ एक शिक्षक की क्रूरता की कहानी नहीं है, बल्कि यह हमारे सिस्टम पर कई गंभीर सवाल खड़े करती है:
आरोपी शिक्षक घटना के बाद से फरार है, लेकिन सवाल ये है कि क्या उसे पकड़कर सजा दे देना काफी होगा? उस बच्चे का क्या जिसने शारीरिक पीड़ा के साथ-साथ मानसिक आघात भी झेला है? इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमें अपने स्कूलों और शिक्षकों के चयन प्रक्रिया को कितना गंभीर लेने की जरूरत है।
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