Bihar Cyber Crime : बिहार के ठगों का ग्लोबल फ्रॉड, 10 लाख जीमेल के तार यूक्रेन और मैक्सिको से कैसे जुड़े
News India Live, Digital Desk: Bihar Cyber Crime : बिहार में बैठे साइबर अपराधी अब सिर्फ देश के लोगों को ही नहीं, बल्कि दुनिया के अलग-अलग कोनों में बैठकर अपना जाल बिछा रहे हैं. आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की एक बड़ी जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि बिहार के साइबर ठगों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे लगभग 10 लाख जीमेल अकाउंट्स का कनेक्शन नेपाल, मैक्सिको और यहां तक कि युद्धग्रस्त यूक्रेन जैसे देशों से भी है.
यह खुलासा तब हुआ जब EOU ने "ऑपरेशन क्लीन स्वीप" के तहत फर्जी दस्तावेजों पर लिए गए मोबाइल सिम कार्ड्स के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई शुरू की. जांच के दौरान जब इन सिम कार्ड्स से जुड़े जीमेल अकाउंट्स को खंगाला गया, तो जांच अधिकारी भी हैरान रह गए.
कैसे काम करता है यह अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क?
जांच में पता चला है कि साइबर अपराधी बेहद शातिर तरीके से काम कर रहे हैं.
- विदेशी सिम का इस्तेमाल: वे जीमेल और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट बनाने के लिए विदेशी मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करते हैं. ये नंबर नेपाल, मैक्सिको और यूक्रेन जैसे देशों के होते हैं. इससे जांच एजेंसियों के लिए इन अकाउंट्स के असली सोर्स तक पहुंचना लगभग नामुमकिन हो जाता है.
- पहचान छिपाने में आसानी: विदेशी नंबरों का इस्तेमाल करने से उनकी पहचान छिपी रहती है. अगर कोई अकाउंट ब्लॉक भी होता है, तो वे आसानी से दूसरे विदेशी नंबर से नया अकाउंट बना लेते हैं.
- फर्जी भारतीय दस्तावेज: जांच में यह भी सामने आया है कि साइबर ठगों के पास से बड़ी संख्या में फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज भी मिले हैं. वे एक ही फोटो का इस्तेमाल करके और सिर्फ नाम बदलकर सैकड़ों फर्जी दस्तावेज तैयार कर लेते हैं, जिनका इस्तेमाल वे सिम कार्ड खरीदने और बैंक अकाउंट खोलने के लिए करते हैं.
क्या है EOU का "ऑपरेशन क्लीन स्वीप"?
EOU का यह विशेष अभियान फर्जी सिम कार्ड के जरिए हो रही ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए चलाया जा रहा है. इस ऑपरेशन के तहत, EOU ने अब तक हजारों की संख्या में फर्जी सिम कार्ड्स को ब्लॉक कराया है और कई साइबर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है.
यह अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन सामने आने के बाद अब जांच का दायरा और भी बढ़ गया है. EOU अब इस बात की पड़ताल कर रही है कि आखिर इन अपराधियों को विदेशी सिम कार्ड और मोबाइल नंबर कहां से और कैसे मिल रहे हैं. यह मामला अब सिर्फ साइबर धोखाधड़ी तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा भी बन गया है.
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