Bihar Assembly Elections 2025 : पटना की सत्ता की चाबी इन 40 सीटों में है बंद! जानिए बिहार चुनाव का सबसे बड़ा 'सीक्रेट'

Post

News India Live, Digital Desk: बिहार में विधानसभा चुनाव की आहट शुरू हो चुकी है। पटना से लेकर दिल्ली तक, सियासी दल अपनी-अपनी रणनीति के बिसात बिछाने लगे हैं। हर पार्टी, हर गठबंधन जीत के दावे कर रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिहार की 243 सीटों की इस बड़ी लड़ाई में कुछ सीटें ऐसी हैं, जो किसी भी दल के लिए 'मास्टर की' यानी सत्ता की चाबी का काम करती हैं?

ये सीटें वो हैं जिन पर जिस पार्टी या गठबंधन ने बढ़त बना ली, समझिए पटना के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक उसका रास्ता आधे से ज्यादा आसान हो गया। आज हम आपको बिहार की सियासत के इसी सबसे बड़े 'ओपन सीक्रेट' के बारे में बताने जा रहे हैं - ये हैं राज्य की 40 आरक्षित सीटें

क्या है इन 40 सीटों का गणित?

चलिए, पहले थोड़ा सा हिसाब-किताब समझ लेते हैं, वो भी बिल्कुल आसान भाषा में।

  • सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा: 122
  • अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित सीटें: 38
  • अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित सीटें: 02
  • कुल आरक्षित सीटें: 40

अब आप सोचिए, जिस दल या गठबंधन को 122 के आंकड़े तक पहुंचना हो, अगर वह इन 40 सीटों में से 30-35 सीटें भी जीत ले, तो उसका काम कितना आसान हो जाएगा? उसे बाकी बची 203 सीटों में से सिर्फ 90 के आसपास सीटें ही जीतनी होंगी। यही वजह है कि ये 40 सीटें किसी भी राजनीतिक दल के लिए नाक का सवाल बन जाती हैं।

क्यों कहलाती हैं ये सीटें 'किंगमेकर'?

ये सीटें सिर्फ चुनावी गणित के लिहाज से ही अहम नहीं हैं, बल्कि इनके राजनीतिक और सामाजिक मायने भी बहुत गहरे हैं।

  • रणनीति का केंद्र: यही कारण है कि NDA (बीजेपी-जेडीयू) हो या 'इंडिया' गठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस), दोनों खेमों के बड़े-बड़े नेता और रणनीतिकार सबसे ज्यादा जोर इन्हीं 40 सीटों पर लगा रहे हैं। इन इलाकों में दौरे बढ़ गए हैं, खास योजनाएं बनाई जा रही हैं और जातीय समीकरणों को बहुत बारीकी से साधा जा रहा है।

पिछले कई चुनावों का इतिहास उठाकर देखें तो यह साफ हो जाता है कि जिस भी दल ने इन आरक्षित सीटों पर अपना परचम लहराया , सत्ता उसी के हाथ लगी  ये सीटें एक तरह से 'साइलेंट वोटर' की वो ताकत हैं, जो चुपचाप आकर नतीजों को पलट देती हैं।

तो अगली बार जब आप बिहार चुनाव की खबरें पढ़ें या किसी नेता का भाषण सुनें, तो ध्यान दीजिएगा। असली लड़ाई 243 सीटों पर नहीं, बल्कि इन 40 सीटों का दिल जीतने की हो रही है, क्योंकि बिहार की सत्ता का रास्ता इन्हीं आरक्षित सीटों की गलियों से होकर गुजरता है।

--Advertisement--