Bihar Assembly Election : बिहार में BJP का टिकट किसे मिलेगा? दिल्ली में हुई बैठक में अमित शाह ने बना दिया ये मास्टरप्लान

Post

News India Live, Digital Desk: Bihar Assembly Election : बिहार में विधानसभा चुनाव होने में भले ही अभी एक साल से ज्यादा का वक्त बाकी हो, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं। दिल्ली में हुई बिहार बीजेपी कोर कमेटी की एक अहम बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने प्रदेश के नेताओं को एक बड़ा और स्पष्ट 'टास्क' दे दिया है, जिससे राज्य में टिकट के दावेदारों की धड़कनें तेज हो गई हैं।

हर सीट पर चाहिए 3 जिताऊ उम्मीदवार

बैठक का लब्बोलुआब यह है कि बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया अभी से शुरू कर दी जाए। अमित शाह ने प्रदेश नेतृत्व को निर्देश दिया है कि अगले तीन महीनों के भीतर हर एक विधानसभा सीट पर तीन-तीन सबसे मजबूत और जिताऊ उम्मीदवारों का एक पैनल तैयार किया जाए।

यह पैनल सिर्फ नेताओं की पसंद से नहीं, बल्कि जमीन पर कराए गए सर्वे, कार्यकर्ताओं की राय और उम्मीदवार की सामाजिक पकड़ के आधार पर तैयार किया जाना चाहिए।

साफ संदेश: किसी का टिकट पक्का नहीं

इस टास्क के जरिए बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार के नेताओं को एक कड़ा और साफ संदेश भी दे दिया है। संदेश यह है कि कोई भी मौजूदा विधायक या बड़ा नेता यह मानकर न बैठे कि उसका टिकट पक्का है। टिकट का फैसला सिर्फ और सिर्फ उम्मीदवार की 'जीतने की क्षमता' (Winnability) पर निर्भर करेगा।

अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश नेतृत्व द्वारा भेजे गए पैनल के अलावा केंद्रीय टीम भी अपने स्तर पर हर सीट का सर्वे कराएगी। दोनों रिपोर्टों का मिलान करने के बाद ही किसी एक नाम पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी।

क्यों बनाई गई यह रणनीति?

बीजेपी की इस रणनीति के पीछे कुछ बड़े कारण हैं:

  • सही उम्मीदवार का चयन: पार्टी चाहती है कि उम्मीदवार चुनने के लिए भरपूर समय मिले, ताकि हर सीट पर सबसे बेहतरीन चेहरे को ही मौका दिया जा सके।
  • गुटबाजी पर लगाम: पहले से प्रक्रिया शुरू करने से टिकट को लेकर होने वाली अंदरूनी खींचतान और गुटबाजी पर लगाम लगेगी।
  • तैयारी का भरपूर मौका: उम्मीदवार का नाम जल्दी तय होने से उसे चुनाव की तैयारी के लिए काफी समय मिल जाएगा।

बीजेपी के इस कदम से यह तो साफ हो गया है कि वह 2025 के विधानसभा चुनाव को कितनी गंभीरता से ले रही है। अब बिहार बीजेपी के नेताओं के सामने अगले तीन महीने सबसे जिताऊ चेहरों को खोजने की बड़ी चुनौती है, क्योंकि इसी रिपोर्ट पर उनका खुद का राजनीतिक भविष्य भी टिका होगा।

--Advertisement--