बिहार चुनाव में बड़ा उलटफेर न NDA, न महागठबंधन, प्रशांत किशोर की पार्टी बनी किंगमेकर

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News India Live, Digital Desk : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने सबको चौंका दिया है। इस बार न तो NDA को बहुमत मिला और न ही महागठबंधन सरकार बनाने की स्थिति में है। इन दोनों बड़े गठबंधनों के बीच, चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी एक ऐसी ताकत बनकर उभरी है, जिसके हाथ में अब सत्ता की चाबी है। पहली बार चुनाव लड़ रही जन सुराज ने 35 सीटें जीतकर बिहार की राजनीति के सारे समीकरण बदल दिए हैं।

कैसे किया यह कमाल?

कई साल से बिहार में पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने अपनी एक अलग जमीन तैयार की। उन्होंने बड़े-बड़े नेताओं के बजाय नए, युवा और पढ़े-लिखे चेहरों पर दांव लगाया। उनका प्रचार का तरीका भी अलग था। उन्होंने न तो किसी पर सीधा हमला किया और न ही कोई बड़ा वादा, बल्कि जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़कर उनकी समस्याओं को समझने पर जोर दिया।

शायद यही वजह है कि जनता ने पुराने सियासी दलों को एक सबक सिखाते हुए जन सुराज को अपना समर्थन दिया। चुनाव के नतीजों से साफ है कि लोगों ने इस बार एक नए विकल्प को आजमाने का मन बनाया था।

अब आगे क्या होगा?

चुनाव के नतीजों के बाद बिहार में एक दिलचस्प स्थिति बन गई है। सरकार बनाने के लिए अब NDA और महागठबंधन, दोनों को प्रशांत किशोर के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। प्रशांत किशोर अब उस "किंगमेकर" की भूमिका में आ गए हैं, जहां उनका एक फैसला यह तय करेगा कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा

इस जीत ने न केवल प्रशांत किशोर का राजनीतिक कद बढ़ाया है, बल्कि यह भी दिखा दिया है कि अगर सही रणनीति और साफ नियत से जनता के बीच जाया जाए, तो बड़े-बड़े राजनीतिक धुरंधरों को भी चुनौती दी जा सकती है। 35 सीटों पर जन सुराज पार्टी के उम्मीदवारों को मिले वोट जीत के अंतर से भी ज़्यादा थे, जिसने नतीजों पर गहरा असर डाला।

अब सभी की नजरें प्रशांत किशोर पर टिकी हैं। क्या वह किसी गठबंधन के साथ जाएंगे या फिर विपक्ष में बैठने का फैसला करेंगे? बिहार की राजनीति का अगला अध्याय अब उन्हीं के फैसले से लिखा जाएगा।

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