छत्तीसगढ़ में किसानों के लिए बड़ी खबर,अब ज़मीन अधिग्रहण पर मिलेगा तीन गुना ज़्यादा मुआवज़ा

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News India Live, Digital Desk: ज़मीन का मामला हमेशा भावनात्मक और आर्थिक रूप से बहुत बड़ा होता है। और जब सरकार किसानों से ज़मीन अधिग्रहण (Land Acquisition) करती है, तो मुआवज़ा (Compensation) कितना मिलेगा, ये बड़ा सवाल होता है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस विषय पर एक बहुत ही महत्वपूर्ण और किसानों के हित में फैसला (Decision in the Interest of Farmers) लिया है, जिसकी ख़ुशी हर जगह फैल रही है। 

दरअसल, राज्य सरकार ने सर्किल रेट (Circle Rate / Collector Guide Line) से जुड़ी अपनी नीतियों में बड़ा बदलाव किया है।

क्या हुआ है यह बड़ा बदलाव?

अब तक किसानों को आमतौर पर बाज़ार दर (Market Rate) के आस-पास ही मुआवजा मिलता था, जिससे वे संतुष्ट नहीं होते थे। पर नई नीति के तहत छत्तीसगढ़ के किसानों (Farmers of Chhattisgarh) को उनकी अधिग्रहित ज़मीन (Acquired Land) पर, कलेक्टर गाइडलाइन रेट का तीन गुना (3 Times Collector Guideline Rate) या बाजार मूल्य का चार गुना (4 Times Market Value) तक का मुआवजा मिल सकेगा। यानी, मोटे तौर पर किसानों को 300% तक ज़्यादा मुआवज़ा मिलने की पूरी उम्मीद है! 

यह बदलाव क्यों किया गया है?

इस बड़े बदलाव के पीछे मुख्य कारण यही है कि सरकार चाहती है कि किसानों को उनकी ज़मीन का उचित मूल्य (Fair Price for Farmer's Land) मिले, ताकि वे संतुष्ट रहें। कई बार, जब ज़मीनें किसी बड़े औद्योगिक प्रोजेक्ट (Industrial Projects) या सरकारी निर्माण कार्य (Government Construction Projects) के लिए अधिग्रहित की जाती हैं, तो सही दाम न मिलने से तनाव और विरोध का माहौल बन जाता है। मुआवज़े की दर को बढ़ाने (Increasing the Rate of Compensation) से ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी अब सरल और तेज़ (Simpler and Faster Land Acquisition) हो जाएगी।

आपको अपनी ज़मीन की कीमत कैसे पता चलेगी?

अगर आपकी ज़मीन भी छत्तीसगढ़ में किसी प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहण (Land Acquisition in Chhattisgarh) की जा रही है, तो आपको यह पता लगाना होगा कि आपके इलाके का कलेक्टर गाइडलाइन रेट (Collector Guideline Rate) क्या है। उसी रेट का तीन गुना तक आपको मुआवज़े के तौर पर मिल सकता है।

यह फ़ैसला दिखाता है कि सरकार अब छत्तीसगढ़ के किसानों को न्याय (Justice for Farmers in Chhattisgarh) दिलाने के लिए पूरी तरह गंभीर है। यह केवल पैसा नहीं है, यह किसानों को उनकी जमीन की सही कीमत और सम्मान (Right Price and Respect) है। 

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