Bhadrapada Month : भाद्रपद पूर्णिमा पर ग्रहण धार्मिक महत्व और त्योहार
- by Archana
- 2025-08-05 11:48:00
Newsindia live,Digital Desk: हिंदू धर्म में भाद्रपद मास का विशेष महत्व है इस माह में कई बड़े व्रत और त्योहार पड़ते हैं सन दो हजार पच्चीस में भाद्रपद मास सात सितंबर को समाप्त होग
पंचांग के अनुसार यह पवित्र महीना सत्ताईस अगस्त दो हजार पच्चीस बुधवार से शुरू होकर सत्ताईस सितंबर दो हजार पच्चीस शनिवार तक चलेगा भाद्रपद का महीना अपने साथ कई महत्वपूर्ण व्रत त्योहार और खास संयोग लेकर आता है
इस पवित्र माह में कृष्ण जन्माष्टमी हरतालिका तीज गणेश चतुर्थी ऋषि पंचमी राधा अष्टमी और अनंत चतुर्दशी जैसे महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं जो देशभर में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाए जाते हैं यह महीने की पवित्रता को और बढ़ा देते हैं
दो हजार पच्चीस में भाद्रपद पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण का विशेष संयोग भी बन रहा है यह चंद्र ग्रहण सात सितंबर को दोपहर एक बजकर सत्ताईस मिनट पर शुरू होगा और शाम सात बजकर छह मिनट पर समाप्त होगा इस ग्रहण का कुल समय लगभग पांच घंटे उनतालीस मिनट होगा यह चंद्र ग्रहण एशिया अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण के दौरान सूतक काल भी लगता है जिसमें विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है
इसके अलावा भाद्रपद माह में पितृ पक्ष भी आते हैं पितृ पक्ष सोलह दिनों तक चलते हैं जिनमें पितरों को श्रद्धांजलि दी जाती है और उनके लिए पिंडदान तर्पण जैसे कर्मकांड किए जाते हैं पितृ पक्ष की समाप्ति के बाद तुरंत शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो जाती हैं इस तरह भाद्रपद माह धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण और विविधताओं से भरा हुआ होता है यह माह भगवान की भक्ति पूर्वजों के प्रति सम्मान और नई शुरुआत का संगम है
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