Bareilly Protest : तीखे बयानों वाले मौलाना तौकीर रजा इस बार अपने ही दांव में कैसे उलझ गए?
News India Live, Digital Desk: अपने तीखे और भड़काऊ बयानों से हमेशा सुर्खियां बटोरने वाले मौलाना तौकीर रजा इस बार खुद ही मुश्किलों में घिर गए हैं. धार्मिक मंच हो या राजनीतिक, मौलाना अपने बयानों से माहौल गरमाने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इस बार उनका एक कदम उन्हीं पर भारी पड़ गया. कानपुर से उठा एक पोस्टर विवाद जब बरेली पहुंचा, तो उसकी आंच में खुद मौलाना भी आ गए.
मामला आखिर शुरू कहां से हुआ?
कहानी शुरू हुई कानपुर से, जहां कुछ लोगों ने 'आई लव मोहम्मद' लिखे हुए पोस्टर लगाए. इन पोस्टरों पर कुछ हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई, जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया. इसी केस के विरोध में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने बरेली में एक बड़े विरोध प्रदर्शन का ऐलान कर दिया. उन्होंने जुमे की नमाज के बाद अपने समर्थकों को इस्लामिया इंटर कॉलेज के मैदान में जमा होने और वहां से कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकालने के लिए कहा.
कैसे उल्टा पड़ गया मौलाना का दांव?
मौलाना तौकीर रजा शायद यह सोच रहे थे कि वह हमेशा की तरह इस बार भी अपने शक्ति प्रदर्शन से प्रशासन पर दबाव बना लेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. उनका यह कदम उल्टा पड़ गया.
- प्रशासन ने नहीं दी इजाजत, फिर भी उतरी भीड़: प्रशासन ने इस विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी थी. इसके बावजूद मौलाना के बुलावे पर जुमे की नमाज के बाद हजारों लोगों की भीड़ सड़क पर उतर आई.
- प्रदर्शन ने लिया हिंसक रूप: जिसे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कहा जा रहा था, वह जल्द ही हिंसक हो गया. भीड़ बेकाबू हो गई, पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी गई और पथराव शुरू हो गया. हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े.
- खुद ही बन गए मुख्य साजिशकर्ता: इस हिंसा के बाद प्रशासन ने बेहद सख्त एक्शन लिया. मौलाना तौकीर रजा, जिन्होंने इस प्रदर्शन का आह्वान किया था, उन्हें ही इस पूरी हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता मानकर गिरफ्तार कर लिया गया. उनके साथ कई और लोगों को भी जेल भेज दिया गया है.
पहले भी विवादों से रहा है नाता
यह कोई पहली बार नहीं है जब मौलाना तौकीर रजा का नाम किसी बड़े विवाद में आया हो. 2010 में बरेली में हुए दंगों का मास्टरमाइंड होने का आरोप भी उन पर लग चुका है और वह मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है.
हमेशा अपने तीखे बयानों से चर्चा में रहने वाले मौलाना ने एक वीडियो जारी कर खुद को नजरबंद किए जाने का आरोप लगाया था. लेकिन उनके बुलावे पर जिस तरह शहर का माहौल बिगड़ा, उसने उनकी सारी दलीलों को कमजोर कर दिया. हर बार अपने तेवर से दबाव बनाने वाले मौलाना इस बार खुद कानून के शिकंजे में हैं, जो बताता है कि उनका यह दांव पूरी तरह से उल्टा पड़ चुका है.
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