Ayurvedic miracle: पुत्रंजीवक बीज कैसे दे सकता है संतान प्राप्ति का वरदान

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News India Live, Digital Desk: पुत्रंजीवक बीज जिसे अक्सर महिलाओं के लिए वरदान कहा जाता है, संतान प्राप्ति की चाहत रखने वाले दम्पत्तियों के लिए प्राचीन काल से ही एक प्रभावी उपाय के रूप में मान्यता प्राप्त है. विशेषकर पुत्रदा एकादशी के शुभ अवसर पर इसकी माला पर जाप करने और इसका उपयोग करने से संतान प्राप्ति के योग बनने की गहरी आस्था जुड़ी हुई है. यह पौधा, जिसका वैज्ञानिक नाम पुत्रदा एकादशी और पुत्रंजीवक बीज है, आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और प्रजनन संबंधी विभिन्न समस्याओं के निवारण में सहायक माना जाता है.

यह माना जाता है कि पुत्रंजीवक के बीज महिला प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार के लिए अत्यंत लाभदायक हैं. ये गर्भाशय को शुद्ध करने, उसे मजबूत बनाने और गर्भपात के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकते हैं. साथ ही, ये अंडाशय के कार्य को बेहतर बनाते हुए फर्टिलाइजेशन के लिए परिपक्व और स्वस्थ अंडे जारी करने में भी मदद कर सकते हैं. इस औषधि के नियमित सेवन से शरीर को भीतर से मजबूती मिलती है और इसकी एंटी-ऑक्सीडेंट तथा एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करते हैं. इतना ही नहीं, कुछ आयुर्वेदिक मान्यताएं यह भी सुझाती हैं कि पुत्रंजीवक के बीज पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और उनकी गतिशीलता में सुधार लाने में भी कारगर हो सकते हैं, जिससे दम्पत्तियों के लिए संतान प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है. इसके बीज, पत्तों और जड़ों को दूध के साथ सेवन करने की पारंपरिक विधि विशेष रूप से गर्भाशय की कमजोरी दूर करने के लिए प्रचलित है.

पुत्रदा एकादशी का दिन, जो भगवान विष्णु को समर्पित है, संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है. इस विशेष तिथि पर पुत्रंजीवक के बीजों से बनी माला का उपयोग करते हुए 'संतान गोपाल मंत्र' या अन्य संतान प्राप्ति मंत्रों का जाप करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस जाप से न केवल संतान प्राप्त होती है, बल्कि वह दीर्घायु और स्वस्थ भी होती है. कई परिवारों में बच्चों को बीमारियों से बचाने और उनके स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पुत्रंजीवक के बीजों की माला पहनाई जाती है. व्रत रखने, भगवान विष्णु की पूजा करने और इस दिन दान-पुण्य करने से भी संतान सुख की प्राप्ति में मदद मिलने की परंपरा है. हालांकि,

 यह सलाह दी जाती है कि किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का सेवन करने से पहले, खासकर प्रजनन संबंधी उपचारों के लिए, किसी अनुभवी वैद्य या योग्य चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए. वे आपकी शारीरिक स्थिति के अनुसार सही खुराक और सेवन की विधि बता सकते हैं, क्योंकि हर व्यक्ति की प्रतिक्रिया अलग हो सकती है और अनुचित उपयोग से मामूली पाचन समस्याएं या एलर्जी हो सकती हैं.

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