Ayurvedic Herb : इस आसान ट्रिक से अपने घर में उगाएं गिलोय का पौधा, कभी बीमार नहीं पड़ेंगे
News India Live, Digital Desk: Ayurvedic Herb : क्या आपने कभी सोचा है कि आपके घर का आँगन या बालकनी, सिर्फ़ फूलों और शो वाले पौधों से ही क्यों सजे? कुछ ऐसे पौधे भी हैं, जो आपकी ज़िंदगी में हरियाली के साथ-साथ तंदुरुस्ती भी ला सकते हैं. इन्हीं में से एक कमाल का पौधा है गिलोय! आयुर्वेद में इसे 'अमृत' यानी संजीवनी बूटी का दर्जा मिला है. इसकी खासियत है कि ये आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) को बढ़ाने में तो माहिर है ही, साथ ही कई बीमारियों से लड़ने में भी मदद करती है. और सबसे अच्छी बात? इसे घर पर उगाना इतना आसान है कि कोई भी, गार्डनिंग का नया हो या पुराना, इसे लगा सकता है.
अपने घर में उगाएं सेहत का खजाना: गिलोय का पौधा लगाने का सबसे आसान तरीका!
कोविड महामारी के बाद से तो गिलोय की लोकप्रियता कई गुना बढ़ गई है. इसके हरे पत्ते और गहरे हरे रंग का डंठल, दोनों ही औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. तो जब इतना फ़ायदेमंद पौधा हमारे घर में ही लग सकता है, तो क्यों न आज ही इसे लगाने की शुरुआत करें? यह कोई मुश्किल काम नहीं है, बस कुछ बातों का ध्यान रखना है.
चलिए, जानते हैं गिलोय का पौधा घर पर लगाने का सबसे आसान तरीका क्या है:
गिलोय को आमतौर पर कटिंग (तना या डंठल) से उगाया जाता है, क्योंकि यह तरीका ज़्यादा भरोसेमंद और तेज़ी से बढ़ने वाला होता है.
आपको चाहिए क्या? (ये सब आपको घर में या आसपास मिल जाएगा):
- गिलोय की कटिंग: किसी स्वस्थ गिलोय की बेल से 6 से 8 इंच का एक तना काट लें. ध्यान रखें कि इस तने पर कम से कम दो-तीन नोड्स (गांठें, जहाँ से पत्ते या शाखाएं निकलती हैं) हों.
- एक गमला या कोई पॉट: प्लास्टिक, मिट्टी या किसी भी मटेरियल का गमला, जिसमें नीचे पानी निकलने के लिए छेद हो.
- मिट्टी: आपके बगीचे की सामान्य मिट्टी चलेगी. आप थोड़ी रेत (रेतीली मिट्टी) भी मिला सकते हैं ताकि पानी न जमे.
- खाद (ऑप्शनल, पर ज़रूरी): गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट (केंचुआ खाद) थोड़ी सी.
- पानी.
कैसे लगाएँ पौधा? बहुत आसान है:
- कटिंग तैयार करें: जो गिलोय का तना आप लाए हैं, उसके निचले सिरे को हल्का तिरछा काट लें. अगर उस पर पत्तियां हैं, तो निचली पत्तियों को हटा दें ताकि सिर्फ़ तना ही बचे.
- मिट्टी तैयार करें: अपने गमले में 60% सामान्य मिट्टी, 20% रेत और 20% खाद (अगर है तो) का मिश्रण भर लें. यह मिश्रण पानी को अच्छे से सोखेगा और जड़ें फैलने के लिए अच्छी जगह देगा.
- कटिंग लगाएँ: अब कटिंग के निचले हिस्से को (जिस पर कम से कम एक नोड हो) तैयार की हुई मिट्टी में 2-3 इंच गहरा दबा दें. सुनिश्चित करें कि कटिंग ठीक से खड़ी हो.
- पानी दें: कटिंग लगाने के बाद, मिट्टी में हल्के से पानी डाल दें ताकि वह नम हो जाए. बहुत ज़्यादा पानी न डालें, मिट्टी में दलदल नहीं बनना चाहिए.
- सही जगह चुनें: गमले को ऐसी जगह पर रखें जहाँ इसे सीधे कड़ी धूप न मिले, लेकिन पर्याप्त रोशनी हो. कुछ हफ़्तों बाद जब जड़ें विकसित हो जाएँ और नई पत्तियां दिखें, तब आप इसे 4-6 घंटे की धूप वाली जगह पर रख सकते हैं. गिलोय एक धूप पसंद पौधा है.
गिलोय की देखभाल कैसे करें?
- पानी देना: गिलोय को ज़्यादा पानी पसंद नहीं होता. मिट्टी के ऊपर की परत जब सूख जाए, तभी दोबारा पानी दें. ज़्यादा पानी देने से जड़ें गल सकती हैं.
- सहारा: यह एक बेल है, तो जैसे-जैसे यह बढ़ती जाए, इसे किसी दीवार, छड़ी, जाली या किसी अन्य पेड़ का सहारा दें ताकि यह ऊपर चढ़ सके.
- खाद: शुरुआती कुछ हफ्तों के बाद, महीने में एक बार थोड़ी सी जैविक खाद या वर्मीकम्पोस्ट दे सकते हैं.
- कीड़े: गिलोय पर आमतौर पर कीड़े नहीं लगते, यह कीट प्रतिरोधी होती है.
लगभग 2-3 हफ्तों में आपको नई पत्तियां दिखना शुरू हो जाएंगी, जिसका मतलब है कि आपकी कटिंग ने जड़ पकड़ ली है! बस फिर क्या, अब आपके घर में है एक चलती-फिरती औषधालय!
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