अश्वगंधा: आयुर्वेद का वंडर हर्ब, इम्यूनिटी बढ़ाए, तनाव घटाए, और पाएं सेहत का खजाना!

Post

नई दिल्ली: भारतीय आयुर्वेद में अश्वगंधा (Ashwagandha) को एक विशेष स्थान प्राप्त है, और इसे 'इंडियन विंटर चेरी' (Indian Winter Cherry) के नाम से भी जाना जाता है। यह चमत्कारी जड़ी-बूटी, जिसका वानस्पतिक नाम विथानिया सोम्निफेरा (Withania somnifera) है, न केवल शरीर को बल्कि मन को भी अविश्वसनीय लाभ पहुंचाती है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) द्वारा समर्थित, अश्वगंधा को तनाव कम करने, ऊर्जा बढ़ाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune System) को मजबूत करने के लिए एक प्रमुख जड़ी-बूटी के रूप में मान्यता प्राप्त है।

अश्वगंधा: सदियों का अनुभव, आधुनिक विज्ञान की पुष्टि
आयुर्वेद में, अश्वगंधा का उपयोग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए हजारों सालों से किया जा रहा है। आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह "तनाव कम करने के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। अश्वगंधा को इंडियन विंटर चेरी के नाम से भी जाना जाता है; यह ऊर्जा को बढ़ाने के साथ तनाव को कम करने में सहायक है। अश्वगंधा चूर्ण शरीर और मन को अद्भुत लाभ पहुंचाती है।"

 kuda जैसा गंध, असीमित लाभ:
जैसा किआईएएनएस (IANS) की रिपोर्ट बताती है, अश्वगंधा एक छोटी, बारहमासी झाड़ी है जिसके फूलों के साथ नारंगी-लाल बेरी लगती हैं। इसकी जड़ों से निकलने वाली विशेष घोड़े जैसी गंध के कारण ही इसे 'अश्वगंधा' नाम दिया गया है। यह पौधा मुख्य रूप से भारत, मध्य पूर्व और अफ्रीका में पाया जाता है।

अश्वगंधा के प्रमुख लाभ (आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार):

मानसिक शांति और तनाव मुक्ति: यह शरीर में कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है और तनाव, चिंता व अवसाद कम होता है।

शारीरिक बल और ऊर्जा: अश्वगंधा को टॉनिक (tonic) के रूप में देखा जाता है जो शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है और थकान कम करता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा: यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जिससे शरीर विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों से बेहतर तरीके से लड़ पाता है।

मधुमेह नियंत्रण: यह रक्त शर्करा (blood sugar) के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।

गले की खराश से राहत: बदलते मौसम में होने वाली गले की समस्याओं के लिए यह लाभकारी है।

पाचन तंत्र को दुरुस्त रखना: यह पाचन क्रिया को सुधारने में भी मदद कर सकता है।

हड्डियों का स्वास्थ्य: हड्डियों को मजबूत बनाने में भी इसका योगदान हो सकता है।

सेवन का सही तरीका:
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अश्वगंधा चूर्ण का लाभ बढ़ाने के लिए इसे दूध में मिलाकर पीना सबसे प्रभावी तरीका है। स्वाद और मिठास के लिए आप इसमें गुड़ या शहद मिला सकते हैं।

सर्दी-जुकाम और तनाव से बचाव के लिए:
बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम से बचने के लिए, एक कप पानी में आधा चम्मच अश्वगंधा चूर्ण, थोड़ा अदरक और तुलसी डालकर 5 मिनट उबालें। छानकर पीने से यह न केवल मौसमी बीमारियों से बचाता है, बल्कि तनाव को भी दूर करता है।

जरूरी सलाह:
हालांकि अश्वगंधा एक अत्यंत लाभकारी जड़ी-बूटी है, आयुर्वेदिक चिकित्सक या योग्य स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श के बिना इसका सेवन नहीं करना चाहिए। वे आपकी स्वास्थ्य स्थिति, जरूरत और सहनशीलता के अनुसार सही मात्रा और सेवन विधि बता सकते हैं।

अश्वगंधा, इस प्रकार, इम्यूनिटी बढ़ाने और तनाव मुक्ति के लिए एक प्राकृतिक और बेहद असरदार उपाय है, जिसका सही उपयोग आपकी सेहत को कई स्तरों पर बेहतर बना सकता है।

 

--Advertisement--