As deep as the ocean: पीएम मोदी और मुइज्जू ने भारत-मालदीव के सदियों पुराने संबंधों को फिर से किया मजबूत

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News India Live, Digital Desk: As deep as the ocean: हाल ही में माले के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के 'इंडिया आउट' अभियान और भारत के खिलाफ कड़े बयानों से भारत-मालदीव संबंधों में कुछ तनाव आया था। लेकिन, हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के बीच हुई एक बैठक ने इन संबंधों को 'पुनर्स्थापित' करने और फिर से मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने एक बार फिर सदियों पुराने द्विपक्षीय संबंधों को 'समुद्र जितना गहरा' और अटूट बताया।

यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर मतभेद उभर कर सामने आए थे। इसके बावजूद, दोनों नेताओं ने साझा इतिहास, संस्कृति और लोगों से लोगों के मजबूत संबंधों पर जोर दिया। पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू दोनों ने ही माना कि ये संबंध सिर्फ रणनीतिक नहीं, बल्कि आपसी सम्मान और भाईचारे पर आधारित हैं, जो सदियों से चले आ रहे हैं। इस बात पर सहमति बनी कि पिछले मतभेदों को पीछे छोड़ते हुए भविष्य पर ध्यान केंद्रित किया जाए, जहाँ दोनों देश सहयोग और पारस्परिक लाभ के आधार पर आगे बढ़ सकें।

मुलाकात के दौरान, दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। विशेष रूप से विकास साझेदारी, रक्षा सहयोग, समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता सुनिश्चित करने के महत्व पर बल दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत हमेशा मालदीव की जरूरतों का सम्मान करेगा और उसके विकास में विश्वसनीय भागीदार रहेगा। राष्ट्रपति मुइज्जू ने भी मालदीव के लिए भारत की सहायता और विकास परियोजनाओं में योगदान की सराहना की, जो उनके कार्यकाल में कई बार ठंडे बस्ते में पड़ गए थे।

इस उच्च स्तरीय बैठक को संबंधों में एक 'पुनर्स्थापन' (reset) के रूप में देखा जा रहा है। हाल की कड़वाहट के बावजूद, नेताओं ने भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण अपनाते हुए सकारात्मक बातचीत की। दोनों पक्षों ने मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई ताकि 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति के तहत क्षेत्रीय स्थिरता बनी रहे और द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सके। यह मुलाकात इस बात का संकेत है कि दोनों देश अपने दीर्घकालिक सामरिक हितों को समझते हैं और मतभेदों को भुलाकर आपसी सहयोग को बढ़ावा देना चाहते हैं।

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