TRF terrorist organization: अमेरिका ने TRF को आतंकवादी संगठन घोषित किया, भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत

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टीआरएफ आतंकवादी संगठन: अमेरिका ने द रेजिस्टेंस फ्रंट टीआरएफ को एक विदेशी आतंकवादी संगठन एफटीओ और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है। यह फैसला पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद लिया गया, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। इस हमले को 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में हुआ सबसे घातक हमला माना जा रहा है।

भारत के लिए इसका क्या महत्व है?

इस फैसले को भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है। भारत बार-बार आरोप लगाता रहा है कि टीआरएफ पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा एलईटी का एक छद्म समूह है, जो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से काम करता है। अमेरिका के इस कदम ने भारत के दावे को मजबूत किया है और वैश्विक स्तर पर आतंकवाद में पाकिस्तान की संलिप्तता को उजागर किया है।

टीआरएफ क्या है?

2019 में उभरा रेजिस्टेंस फ्रंट, लश्कर-ए-तैयबा का ही एक अंग माना जाता है। इस समूह ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी में एक हमला किया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज़्यादातर पर्यटक थे। टीआरएफ ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली थी, हालाँकि बाद में उसने अपना दावा वापस ले लिया।

अमेरिका किसी संगठन को आतंकवादी कैसे घोषित करता है?

किसी समूह को आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए अमेरिका चार मुख्य चरणों का पालन करता है।

निगरानी: अमेरिकी विदेश विभाग का आतंकवाद निरोधक ब्यूरो संदिग्ध समूहों की गतिविधियों पर नज़र रखता है। यह हमलों, योजना और समूह की ताकत का विश्लेषण करता है।

मानदंड: समूह विदेशी होना चाहिए, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होना चाहिए, तथा संयुक्त राज्य अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करना चाहिए।

निर्णय प्रक्रिया: अमेरिकी विदेश मंत्री अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर समूह के इतिहास और डेटा की समीक्षा करते हैं। इसके बाद इसे एक स्वतंत्र संगठन FTO घोषित किया जाता है।

प्रतिबंध: एफटीओ घोषित समूह पर वित्तीय और अन्य प्रतिबंध लागू होते हैं, जिससे उसे वित्तपोषित करना कठिन हो जाता है।

एक आतंकवादी संगठन और एक व्यक्ति के विज्ञापन में क्या अंतर है?

किसी संगठन को आतंकवादी घोषित करना और किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करना अलग-अलग प्रक्रियाएँ हैं। किसी संगठन के लिए उपरोक्त प्रक्रिया अपनाई जाती है, जबकि किसी व्यक्ति को एसडीजीटी घोषित करने के लिए आतंकवादी गतिविधियों में उसकी प्रत्यक्ष संलिप्तता का प्रमाण आवश्यक है। उदाहरण के लिए, टीआरएफ कमांडर शेख सज्जाद गुल को भारत ने यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया है।

भारत-पाकिस्तान संबंधों पर प्रभाव

इस फैसले से पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा। पहलगाम हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। इस घटना से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था, लेकिन 10 मई को युद्धविराम हो गया। अमेरिका का यह कदम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के लिए एक मज़बूत समर्थन है। इससे पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों पर वैश्विक दबाव बढ़ेगा और भारत की सुरक्षा नीति मज़बूत होगी।

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