वन्य जीवों और वनस्पतियों का आवश्यक है अद्भुत संरक्षण

कानपुर, 03 मार्च (हि.स.)। वन्य जीव दिवस पर रविवार को कानपुर प्राणि उद्यान में विभिन्न स्कूलों के बच्चे पहुंचे। प्राणि उद्यान प्रबंधक ने बच्चों को वन्य जीवों एवं वनस्पतियों के विषय में जानकारी दी गई और साथ ही कहा गया कि इनका संरक्षण बहुत आवश्यक है।

प्राणि उद्यान के मीडिया प्रभारी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ में थाईलैंड द्वारा तीन मार्च को दुनिया के जंगली जीवों के बारे में जागरुकता बढ़ाने और मनाने के लिए प्रस्तावित किया गया था। महासभा ने वन्यजीवों के पारिस्थितिक,आनुवांशिक,वैज्ञानिक,सौंदर्य सहित विभिन्न प्रकार से अध्ययन अध्यापन को बढ़ावा देने को प्रेरित किया। विभिन्न जीवों और वनस्पतियों की प्रजातियों के अस्तित्व की रक्षा भी इसका उद्देश्य कहा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि जंगली जीवों और पौधों का अद्भुत संरक्षण आवश्यक है। इन्हें संरक्षित करने से भूमि पर जीवन को संभाला जा सकता है। वन्य जीवों के लुप्त होने से पर्यावरणीय संतुलन और विकास पर असर पड़ता है। यह दिन हमें संगठन के रूप में मिलकर काम करने की प्रेरणा देता है, ताकि हम सभी साझा उत्तरदायित्व के एक भाग के रूप में पृथ्वी के संरक्षण में योगदान कर सकें। उन्होंने बताया कि विश्व वन्य जीव दिवस पर कई विद्यालयों के बच्चों को प्राणि उद्यान में वन्य जीवों और वनस्पतियों के विषय में जानकारी दी गई। इसके साथ ही बच्चों को इस बात के लिए प्रभावित किया गया कि भविष्य में कभी वन्य जीव और वनस्पतियों को नुकसान न पहुंचाएं।

उन्होंने बताया कि इस बार वन्य जीव दिवस की थीम जनता और गृह को जोड़ना है, वन्य जीव संरक्षण में डिजिटल नवाचार की खोज रही। इस दौरान विभाग के आशीष जैन, महेश कुमार तिवारी, नवेद इकराम, महेश कुमार जैन, नैना पाण्डेय आदि ने बच्चों को प्राणि उद्यान का भ्रमण कराते हुए जानकारी दी।

जीव जंतुओं का संरक्षण जरुरी

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह ने विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर वन्य जीवों के प्रति संवेदना जताई। साथ ही उनकी सुरक्षा हेतु संदेश भी दिया।

डॉक्टर सिंह ने बताया कि इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर के जीव जंतुओं का संरक्षण करना है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष की थीम ‘लोगों और गृह को जोड़ना: वन्य जीव संरक्षण में डिजिटल नवाचार की खोज’ है। उन्होंने वन्य जीव संरक्षण करने वाले लोगों की प्रशंसा की। कुलपति ने कहा कि आज का दिन जीवन की अविश्वसनीय विविधता का जश्न मनाने और इसकी रक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने का दिन है।

उन्होंने बताया कि तीन मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में नामित करने का मुख्य उद्देश्य दुनिया के वन्य जीवों और वनस्पतियों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने शिक्षकों, वैज्ञानिकों, छात्रों को वन्य जीव एवं वनस्पतियों के संरक्षण के दायित्वों के निर्वहन हेतु संदेश भी दिया।