Age is just a number: चालीस के बाद भी खुद को रखें तरोताजा और बीमारियों से दूर

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News India Live, Digital Desk: Age is just a number: जीवन का चालीसवां पड़ाव एक ऐसा मोड़ होता है जब शरीर में कई बदलाव आने शुरू होते हैं। इस उम्र तक पहुँचते-पहुँचते हमारे जीने का तरीका, खान-पान की आदतें और तनाव का स्तर, सब हमारे स्वास्थ्य पर अपना असर दिखाना शुरू कर देते हैं। ऐसे में यह समझना ज़रूरी है कि चालीस की उम्र का मतलब सेहत से समझौता करना बिल्कुल नहीं है, बल्कि यह अपने आप पर और ज़्यादा ध्यान देने का समय है। छोटी-छोटी सावधानियों और सही जीवनशैली से इस पड़ाव के बाद भी हम खुद को पूरी तरह तंदुरुस्त, ऊर्जावान और बीमारियों से दूर रख सकते हैं।

सबसे पहले बात करें खानपान की, तो यह हमारी सेहत का आधार है। चालीस के बाद अपने भोजन में ज़्यादा से ज़्यादा पौष्टिक तत्वों को शामिल करना ज़रूरी है। ताजे फल, सब्ज़ियाँ, दालें और लीन प्रोटीन को अपनी थाली का अहम हिस्सा बनाएँ। जंक फूड, अत्यधिक तेल, चीनी और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाना बहुत ज़रूरी है। इसके साथ ही, अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखना भी उतना ही अहम है, इसलिए दिनभर में पर्याप्त पानी का सेवन करें। संतुलित और पौष्टिक भोजन न केवल बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है, बल्कि ऊर्जा के स्तर को भी बनाए रखता है।

शारीरिक रूप से सक्रिय रहना फिटनेस की कुंजी है। चालीस की उम्र के बाद मेटाबॉलिज्म धीमा होता है, ऐसे में नियमित शारीरिक गतिविधि बेहद महत्वपूर्ण है। आप तेज़ कदमों से टहलने, जॉगिंग, साइकिल चलाने, या योग का सहारा ले सकते हैं। जिम जाकर हल्के वेट ट्रेनिंग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज़ भी बेहद फायदेमंद होते हैं, क्योंकि ये मांसपेशियों को मज़बूत बनाए रखते हैं और हड्डियों की सेहत में भी सुधार लाते हैं। कोशिश करें कि हफ़्ते में कम से कम 150 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली एक्सरसाइज़ ज़रूर करें।

तनाव को दूर रखना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन यह आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित करता है। अत्यधिक तनाव पेट की समस्याओं से लेकर गंभीर बीमारियों तक का कारण बन सकता है। ऐसे में तनाव कम करने के तरीके ढूँढना ज़रूरी है – ध्यान (मेडिटेशन), योग, अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना, अपनी हॉबीज़ को पूरा करना या प्रकृति के करीब समय बिताना, ये सभी तरीके आपको मानसिक शांति देंगे। रात को पर्याप्त नींद लेना भी बेहद अहम है। कम से कम 7-8 घंटे की गहरी नींद आपके शरीर को रिकवर करने और अगले दिन के लिए तैयार करने में मदद करती है।

अंतिम लेकिन सबसे महत्वपूर्ण, नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएँ। चालीस के बाद डॉक्टर के पास नियमित रूप से जाना ज़रूरी हो जाता है। ब्लड प्रेशर, शुगर, कोलेस्ट्रॉल और हार्मोनल चेकअप करवाते रहें। महिलाओं के लिए कुछ खास जांचें जैसे मैमोग्राफी और पुरुषों के लिए प्रोस्टेट चेकअप की सलाह दी जाती है। शुरुआती चरण में किसी भी स्वास्थ्य समस्या का पता लगने से उसका इलाज ज़्यादा प्रभावी होता है।

इस प्रकार, एक स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, तनाव मुक्त जीवनशैली, पर्याप्त नींद और समय पर मेडिकल चेकअप के माध्यम से चालीस की उम्र के बाद भी आप न केवल बीमारियों से दूर रह सकते हैं, बल्कि जीवन का हर पल पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ जी सकते हैं।

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