नदी के बीच बसा एक देश और बादलों के नीचे एक घाटी, इन जगहों पर नहीं गए तो क्या किया

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अब वो ज़माना गया जब घूमना-फिरना मतलब सिर्फ शिमला, मनाली या गोवा जाना होता था। अब घूमने का अंदाज़ बदल रहा है! आज के ट्रैवलर सिर्फ भीड़-भाड़ वाली मशहूर जगहों पर सेल्फी लेने नहीं, बल्कि ऐसी जगहों की तलाश में हैं जहाँ सुकून हो, जहाँ की संस्कृति से जुड़ाव महसूस हो, और जहाँ की यादें ज़िंदगी भर साथ रहें।

अगर आप भी ऐसे ही किसी अनुभव की तलाश में हैं, तो चलिए आपको ले चलते हैं भारत के उन 5 कोनों में, जो आजकल समझदार यात्रियों की पहली पसंद बन रहे हैं।

1. माजुली (असम): जहाँ दुनिया की सबसे बड़ी नदी द्वीप पर ज़िंदगी ठहर जाती है

कल्पना कीजिए, आप एक ऐसी जगह पर हैं जो दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप है, जहाँ आज भी लोग मिट्टी के घरों में रहते हैं, हाथों से मुखौटे बनाते हैं, और जहाँ की हवा में दिखावा नहीं, सिर्फ सादगी घुली है। यही है माजुली! असम के जोरहाट से नाव के ज़रिए आप इस जादुई द्वीप पर पहुँच सकते हैं। जोरहाट के हरे-भरे चाय के बागान जहाँ आपकी यात्रा शुरू करते हैं, वहीं माजुली आपको असम की असली रूह से मिलाता है।

2. वाराणसी (बनारस): जो अब सिर्फ आध्यात्म नहीं, एक 'वाइब' बन चुका है

बनारस अब सिर्फ बुज़ुर्गों या तीर्थयात्रियों के लिए नहीं रहा। यह शहर अब युवाओं के लिए एक 'कूल' डेस्टिनेशन बन गया है! यहाँ के घाटों पर अब सिर्फ पूजा-पाठ नहीं, बल्कि सुबह का योग, शाम का संगीत, और गंगा किनारे बने खूबसूरत बुटीक कैफे में ज़िंदगी का एक अलग ही रंग देखने को मिलता है। यहाँ की तंग गलियों में घूमना, कचौड़ी-जलेबी का स्वाद चखना और गंगा आरती की ऊर्जा को महसूस करना... यह एक ऐसा अनुभव है जो आपको कहीं और नहीं मिल सकता।

3. जीरो वैली (अरुणाचल प्रदेश): जहाँ बादल आपके पैरों के नीचे होते हैं

अगर आपको शांति और सुकून की असली परिभाषा जाननी है, तो अरुणाचल प्रदेश की जीरो वैली चले जाइए। धुंध में लिपटी पहाड़ियां, दूर-दूर तक फैले हरे-भरे चावल के खेत और यहाँ की 'अपातानी' जनजाति का अनोखा रहन-सहन आपको ऐसा महसूस कराएगा जैसे आप किसी दूसरी ही दुनिया में आ गए हैं। यहाँ होने वाला 'जीरो म्यूजिक फेस्टिवल' भी अब दुनिया भर में मशहूर हो रहा है, जो इसे शांति और संगीत का एक परफेक्ट कॉम्बिनेशन बनाता है।

4. चंपारण (बिहार): जहाँ आप इतिहास को महसूस कर सकते हैं

यह कोई टिपिकल टूरिस्ट डेस्टिनेशन नहीं है। यह उन लोगों के लिए है जो घूमने के साथ-साथ कुछ महसूस करना चाहते हैं। यह वही ऐतिहासिक धरती है जहाँ से महात्मा गांधी ने अपने सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी। यहाँ की हवा में आज भी वो कहानी ज़िंदा है। यहाँ आकर आप सिर्फ एक जगह नहीं देखते, बल्कि इतिहास के उन पन्नों को जीते हैं, जिन्होंने भारत की तक़दीर बदल दी।

5. जोरहाट (असम): पूर्वोत्तर का दिल और चाय का शहर

(इसे हमने माजुली के साथ जोड़ दिया है, लेकिन अलग से भी यह एक बेहतरीन डेस्टिनेशन है)
जोरहाट को 'पूर्वोत्तर का दिल' कहा जाता है। यह उन लोगों के लिए जन्नत है जिन्हें चाय के बागानों में घूमना पसंद है। आप यहाँ टोकलाई जैसे चाय रिसर्च सेंटर में यह भी देख सकते हैं कि आपकी पसंदीदा चाय आखिर बनती कैसे है। यह एक शांत और खूबसूरत शहर है जो आपको पूर्वोत्तर की संस्कृति से रूबरू कराता है

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