8वां वेतन आयोग LIVE: फिटमेंट फैक्टर बदला तो डबल हो जाएगी पेंशन? समझें पूरा कैलकुलेशन
देश के लगभग 69 लाख पेंशनर्स और 50 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ी खबर आ चुकी है। सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में बना यह आयोग अगले 18 महीनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
कर्मचारियों से ज्यादा संख्या पेंशनर्स की होने के कारण, इस बार आयोग के सामने पेंशनर्स की मांगों और हितों पर विशेष ध्यान देने की चुनौती है। गठन की खबर के साथ ही हर पेंशनर के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर उनकी जेब में हर महीने कितना पैसा बढ़कर आएगा?
चलिए, आज इस पूरे गणित को बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं।
पेंशन बढ़ाने वाला 'जादुई नंबर' - यह फिटमेंट फैक्टर क्या है?
आपकी पेंशन कितनी बढ़ेगी, इसका पूरा खेल एक ही चीज पर टिका है - फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor)।
यह एक तरह का 'गुणांक' (Multiplier) होता है, जिससे आपकी मौजूदा बेसिक पेंशन को गुणा करके नई बेसिक पेंशन तय की जाती है। उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था। यानी अगर किसी की पुरानी बेसिक पेंशन ₹10,000 थी, तो नई बेसिक पेंशन हुई: 10,000 × 2.57 = ₹25,700।
8वें वेतन आयोग में यह फिटमेंट फैक्टर कितना होगा, यही सबसे बड़ा सवाल है, और इसी पर आपकी बढ़ोतरी निर्भर करेगी।
पेंशन का कैलकुलेशन: आइए उदाहरण से समझते हैं
मान लीजिए, एक पेंशनर की मौजूदा बेसिक पेंशन ₹20,000 है। अब देखते हैं कि अलग-अलग फिटमेंट फैक्टर पर उनकी नई पेंशन कितनी हो जाएगी।
| अगर फिटमेंट फैक्टर यह होता है | तो आपकी नई बेसिक पेंशन होगी |
| 2.57 (7वें आयोग जितना) | ₹51,400 (20,000 x 2.57 / 2) |
| 3.00 (कर्मचारी संघ की मांग) | ₹60,000 (20,000 x 3 / 2) |
| 3.68 (अगर अधिकतम मांग मानी गई) | ₹73,600 (20,000 x 3.68 / 2) |
(नोट: पेंशन की गणना आखिरी बेसिक सैलरी के 50% पर होती है, इसलिए हमने बेसिक सैलरी का अनुमान लगाकर नई पेंशन निकाली है।)
क्या ₹25,000 पेंशन ₹50,000 हो सकती है?
हां, यह संभव है। अगर सरकार फिटमेंट फैक्टर को 2.0 मान लेती है, तो जिनकी पेंशन ₹25,000 है, उनकी बेसिक सैलरी को 25,000 x 2 = ₹50,000 मानकर नई गणना होगी, जिससे पेंशन में भारी इजाफा हो सकता है।
सिर्फ बेसिक ही नहीं, ये सब भी बढ़ेगा!
पेंशन बढ़ने का असर सिर्फ आपकी बेसिक पेंशन पर ही नहीं, बल्कि उससे जुड़े हर कंपोनेंट पर पड़ेगा।
- महंगाई राहत (Dearness Relief - DR): DR आपकी बेसिक पेंशन का प्रतिशत होता है। जैसे ही आपकी बेसिक पेंशन बढ़ेगी, उस पर मिलने वाला DR अमाउंट भी अपने आप बढ़ जाएगा।
- पुराना: ₹20,000 बेसिक पर 20% DR = ₹4,000
- नया: ₹50,000 बेसिक पर 20% DR = ₹10,000
- फैमिली पेंशन: यह बेसिक पेंशन का 30% होता है। बेसिक पेंशन बढ़ने पर परिवार को मिलने वाली पेंशन भी बढ़ेगी।
- पुरानी: ₹20,000 पर = ₹6,000
- नई: ₹50,000 पर = ₹15,000
पेंशनर्स की अन्य बड़ी मांगें क्या हैं?
इस बार पेंशनर्स सिर्फ फिटमेंट फैक्टर ही नहीं, बल्कि कई और अहम मुद्दों पर भी राहत चाहते हैं:
- पुरानी पेंशन योजना (OPS): 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों के लिए इसे बहाल करने की मांग।
- बेहतर मेडिकल सुविधा: हर जिले में CGHS अस्पताल और मेडिकल अलाउंस को ₹3,000 से बढ़ाकर ₹20,000 प्रति माह करने की मांग।
- कम्यूटेशन अवधि घटाना: पेंशन कम्यूटेशन की रिकवरी अवधि को 15 साल से घटाकर 12 साल करना।
लेकिन एक बात का रखें ध्यान: बढ़ेगा टैक्स का बोझ
यह जानना भी बेहद ज़रूरी है कि पेंशन में बढ़ोतरी का सीधा असर आपके इनकम टैक्स पर पड़ेगा।
| विवरण | पुरानी पेंशन (उदाहरण) | नई पेंशन (उदाहरण) |
| सालाना बेसिक पेंशन | ₹2,40,000 | ₹6,00,000 |
| सालाना DR (मान लीजिए 30%) | ₹72,000 | ₹1,80,000 |
| कुल टैक्सेबल इनकम | ₹3,12,000 | ₹7,80,000 |
| अनुमानित टैक्स | ~₹600 | ~₹66,000 |
पेंशन में बढ़ोतरी जहां एक तरफ बड़ी राहत लेकर आएगी, वहीं आपको टैक्स प्लानिंग के लिए भी तैयार रहना होगा। कुल मिलाकर, अगले 18 महीने पेंशनर्स के लिए उम्मीदों और इंतजार के होंगे।
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