80s Bollywood Trivia : जब कादर खान के लिखे 16 पन्नों को देख अमिताभ बोले- यह नामुमकिन है, सेट पर पसर गया था सन्नाटा
News India Live, Digital Desk : 80s Bollywood Trivia : बॉलीवुड में 70 और 80 का दशक... यह वो दौर था जब पर्दे पर अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) का 'एंग्री यंग मैन' वाला गुस्सा गरजता था, और उस गुस्से को शब्दों में पिरोने का काम करते थे 'डायलॉग किंग' कादर खान (Kader Khan)। इन दोनों की जोड़ी किसी भी फिल्म के सुपरहिट होने की गारंटी हुआ करती थी। "विजय दीनानाथ चौहान..." जैसे न जाने कितने ही दमदार डायलॉग्स कादर खान के कलम की ही देन थे, जिन्होंने अमिताभ को 'शहंशाह' बना दिया।
दोनों के बीच न सिर्फ एक प्रोफेशनल, बल्कि एक गहरा दोस्ती का रिश्ता भी था। लेकिन इसी सुनहरे दौर में एक ऐसी घटना भी घटी, जब अमिताभ बच्चन ने कादर खान का लिखा एक सीन करने से साफ इनकार कर दिया था, और इस 'ना' ने दोनों के रिश्ते में एक ऐसी खटास पैदा कर दी, जो शायद फिर कभी पूरी तरह से मिटी नहीं।
क्या था वो 16 पन्ने का डायलॉग?
यह किस्सा मनमोहन देसाई की एक फिल्म के सेट का है। कादर खान उस दिन सेट पर पहुंचे, उनके हाथ में 16 पन्नों का एक लंबा-चौड़ा मोनोलॉग था, जिसे उन्होंने पूरी रात जागकर बड़ी शिद्दत से लिखा था। उन्हें यकीन था कि अमिताभ जैसा मंझा हुआ कलाकार ही इस सीन के साथ न्याय कर सकता है। उन्होंने वह सीन अमिताभ बच्चन को दिया और बताया कि इसे एक ही शॉट में फिल्माया जाना है।
अमिताभ ने देखते ही कर दिया इनकार
कहते हैं कि अमिताभ बच्चन ने जैसे ही उन 16 पन्नों को देखा, उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं। उन्होंने बिना ज्यादा सोचे-समझे कादर खान और मनमोहन देसाई से सीधे-सीधे कह दिया, "यह तो नामुमकिन है! मैं यह सीन नहीं कर सकता।"
अमिताभ का तर्क बिल्कुल प्रैक्टिकल था। उन्हें लगा कि 16 पन्ने के डायलॉग को एक ही शॉट में याद करना और उसे बिना किसी गलती के परफॉर्म करना लगभग असंभव है। इससे न केवल बहुत ज्यादा री-टेक होंगे, बल्कि फिल्म का समय और पैसा भी बर्बाद होगा।
जब टूट गया कादर खान का दिल
लेकिन अमिताभ की इस 'ना' को कादर खान ने अपने हुनर और अपनी मेहनत की तौहीन समझ लिया। उन्हें ऐसा लगा जैसे अमिताभ ने उनकी काबिलियत पर शक किया हो। कहते हैं कि वह उस दिन इतने दुखी हुए कि उन्होंने मनमोहन देसाई से यहां तक कह दिया, "क्या आप लोगों को लगता है कि मैं पागल हूं, जो मैंने यह सीन लिखा है? मैंने यह यह सोचकर लिखा था कि सामने अमिताभ जैसा कलाकार है, जो इसे कर सकता है।"
इस घटना ने कादर खान के दिल पर गहरी चोट पहुंचाई। उन्हें महसूस हुआ कि जिस एक्टर के करियर को उन्होंने अपने डायलॉग्स से सजाया, आज वही उनके लिखे शब्दों को सम्मान नहीं दे रहा है।
हालांकि, इसके बाद भी दोनों ने कई फिल्मों में साथ काम किया, लेकिन कहा जाता है कि इस एक घटना के बाद उनके रिश्ते में पहले जैसी गर्मजोशी और विश्वास फिर कभी नहीं लौट पाया। यह किस्सा बॉलीवुड की चकाचौंध के पीछे छिपे उन मानवीय रिश्तों, अहंकार और कला के टकराव की एक अनूठी कहानी बयां करता है।
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