29% jump in GST evasion: पहली तिमाही में 15,851 करोड़ रुपये का घाटा, 3,558 फर्जी कंपनियां पकड़ी गईं
चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में देशभर में जीएसटी चोरी में 29 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस दौरान, जीएसटी अधिकारियों ने 15,851 करोड़ रुपये की फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट चोरी का पता लगाया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है। पता चला है कि इस चोरी में 3,558 फर्जी कंपनियां शामिल रही हैं, जिन्होंने अवैध रूप से टैक्स क्रेडिट प्राप्त करके सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुँचाया है।
शेल कंपनियों की अनियमितताएं और सरकारी कार्रवाई
जीएसटी अधिकारियों ने बताया कि ये फर्जी कंपनियां मुख्य रूप से फर्जी इनवॉइस के आधार पर आईटीसी का दुरुपयोग कर रही थीं। ऐसी कंपनियां केवल कागजों पर ही मौजूद रहती हैं और बिना कोई वास्तविक कारोबार किए टैक्स क्रेडिट का दावा करती हैं। ऐसी अनियमितताओं पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया को कड़ा कर दिया है। अब जोखिम वाले आवेदकों के लिए भौतिक सत्यापन और आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिया गया है, जबकि गैर-जोखिम वाले व्यवसायों को 7 दिनों के भीतर पंजीकरण दिया जाता है।
इसके अलावा, जीएसटी अधिनियम के तहत झूठे आईटीसी दावे करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है, जिसमें पंजीकरण रद्द करना, इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर को ब्लॉक करना और संपत्ति और बैंक खातों को कुर्क करना शामिल है। इस तिमाही के दौरान 53 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 659 करोड़ रुपये सफलतापूर्वक वसूले गए।
पिछले वर्षों से तुलना
पिछले साल (2024-25) की पहली तिमाही में, जीएसटी अधिकारियों ने 3,840 फर्जी कंपनियों का भंडाफोड़ किया था, जिन्होंने 12,304 करोड़ रुपये का फर्जी आईटीसी दावा किया था। उस दौरान 549 करोड़ रुपये बरामद किए गए और 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस साल फर्जी कंपनियों की संख्या कम होने के बावजूद, चोरी की गई राशि में 29 प्रतिशत की वृद्धि चिंता का विषय है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि फर्जी जीएसटी पंजीकरण के खिलाफ अभियान के कारण फर्जी कंपनियों की संख्या में कमी आई है।
राज्यों की भूमिका और भविष्य की योजनाएँ
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नेतृत्व में राज्यों के वित्त मंत्रियों का एक पैनल विभिन्न क्षेत्रों में कर चोरी का अध्ययन कर रहा है और आईटीसी धोखाधड़ी को रोकने के उपाय खोज रहा है। एक अधिकारी ने बताया, "हर महीने लगभग 1,200 फर्जी कंपनियों का भंडाफोड़ हो रहा है। इस साल फर्जी कंपनियों की संख्या में कमी यह दर्शाती है कि सरकार का अभियान सफल रहा है।
2024-25 के दौरान, जीएसटी अधिकारियों ने 25,009 फर्जी कंपनियों का भंडाफोड़ किया, जिन्होंने 61,545 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी दावे किए थे। इसके अलावा, दो बड़े अखिल भारतीय अभियान चलाए गए। पहले अभियान (16 मई, 2023 से 15 जुलाई, 2023) में 21,791 फर्जी संस्थाओं का भंडाफोड़ हुआ, जिन्होंने 24,010 करोड़ रुपये की कर चोरी की थी। दूसरे अभियान (16 अप्रैल, 2024 से 30 अक्टूबर, 2024) में 18,000 फर्जी कंपनियों का भंडाफोड़ हुआ, जिन्होंने 25,000 करोड़ रुपये की कर चोरी की थी।
सरकारी खजाने को नुकसान और नागरिकों के लिए संदेश
ऐसी अनियमितताओं से सरकारी खजाने को भारी नुकसान होता है, जिसका सीधा असर देश के विकास और कल्याणकारी योजनाओं पर पड़ता है। जीएसटी अधिकारी और सरकार ऐसी धोखाधड़ी के खिलाफ लगातार सख्त कदम उठा रहे हैं, जिसमें डेटा एनालिटिक्स और बिग डेटा जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। नागरिकों से अपील है कि वे जीएसटी पंजीकरण और कर अनुपालन में पारदर्शिता बनाए रखें और किसी भी संदिग्ध अनियमितता की सूचना संबंधित अधिकारियों को दें।
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