Kanwar Yatra 2024: बिहार से बाबाधाम और अन्य शिवालयों तक शिवभक्तों का सफर
News India Live, Digital Desk: Kanwar Yatra 2024: पवित्र सावन माह की शुरुआत होते ही बिहार में शिवभक्ति का अलौकिक रंग छा गया है। लाखों शिवभक्त अपनी धार्मिक यात्रा 'कांवड़' को पूरा करने के लिए पवित्र नदियों से जलभरकर शिवालयों की ओर चल पड़े हैं। बोलबम के जयकारों से पूरा वातावरण गूँज रहा है, और खासकर सावन के पहले सोमवार पर हर ओर भारी भीड़ देखने को मिल रही है।
बिहार में कांवड़ यात्रा के कई महत्वपूर्ण और पारंपरिक मार्ग हैं, जिनसे गुजरकर श्रद्धालु विभिन्न शिव मंदिरों तक पहुंचते हैं। इनमें झारखंड स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम (देवघर) का रास्ता सबसे प्रमुख है, जिसके लिए लाखों शिवभक्त भागलपुर के सुल्तानगंज से उत्तरवाहिनी गंगा का पवित्र जल भरते हैं और पैदल ही लगभग 105 किलोमीटर का लंबा सफर तय करते हैं। यह मार्ग अपनी कठिन चढ़ाई और भक्तों की अटूट श्रद्धा के लिए विख्यात है।
इसके अतिरिक्त, बिहार के भीतर भी कई महत्वपूर्ण शिवालय हैं जहाँ स्थानीय श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। मुजफ्फरपुर स्थित बाबा गरीबनाथ धाम एक और प्रमुख केंद्र है। यहां पहुंचने के लिए श्रद्धालु आमतौर पर मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) से होकर केसरिया के रास्ते मुजफ्फरपुर आते हैं। पूर्वी चंपारण में ही सोमेश्वर नाथ धाम के लिए श्रद्धालु बागमती नदी से जल लेते हैं, जो इस क्षेत्र में कांवड़ यात्रा का एक महत्वपूर्ण बिंदु है।
मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा स्थित ब्रह्मपुरा शिव मंदिर के लिए भी बड़ी संख्या में भक्त जुटते हैं। ये भक्त मुख्यतः गंडक या बूढ़ी गंडक नदियों से जल ग्रहण करते हैं। वैशाली में स्थित शिवालयों के लिए भी इसी तरह की स्थानीय नदियां जलस्रोत का कार्य करती हैं, जहाँ आसपास के कांवड़िया पहुँच कर पवित्र जल से बाबा भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं।
इन सभी मार्गों पर राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने कांवड़ियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए विस्तृत इंतज़ाम किए हैं। विभिन्न मार्गों पर स्वास्थ्य शिविर, सुरक्षा चौकियाँ और पर्याप्त पानी व भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है, ताकि इस आस्था के महापर्व के दौरान सभी भक्त सकुशल अपनी यात्रा पूर्ण कर सकें। सावन की यह आध्यात्मिक ऊर्जा पूरे राज्य में भक्तिमय माहौल बनाए हुए है।
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