Annual Floods : बिहार को मिलेगी बाढ़ की त्रासदी से मुक्ति, केंद्र बनाएगा व्यापक गाद प्रबंधन नीति
News India Live, Digital Desk: Annual Floods : लेकिन अब इस स्थायी समस्या से निपटने के लिए एक बड़ी उम्मीद जगी है। केंद्र सरकार जल्द ही गंगा, कोसी और अन्य प्रमुख नदियों जैसे गंडक, बागमती, महानंदा, पुनपुन और बूढ़ी गंडक के लिए एक व्यापक 'गाद प्रबंधन नीति' (Silt Management Policy) लेकर आने वाली है। यह पहल बिहार को बाढ़ की विनाशकारी समस्याओं से स्थायी राहत दिलाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
बिहार के लिए बाढ़ एक बहुत पुरानी और गंभीर समस्या है। दशकों से ये नदियां अपने साथ बड़ी मात्रा में गाद (सिल्ट) जमा कर रही हैं, जिससे इनका तल ऊपर उठ रहा है। नदी तल ऊपर उठने से इनकी जल-धारण क्षमता कम हो जाती है और ज़रा सी ज़्यादा बारिश में ही ये अपना विकराल रूप दिखाकर आस-पास के लाखों लोगों और हज़ारों एकड़ कृषि भूमि के लिए तबाही का सबब बन जाती हैं। आंकड़ें बताते हैं कि बिहार के लगभग 70 से 80 प्रतिशत जिले हर साल बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित होते हैं, जिससे जान-माल का भारी नुकसान होता है।
अभी तक बाढ़ नियंत्रण के लिए मुख्य रूप से तटबंधों (Embankments) पर ही निर्भरता रही है, लेकिन लगातार गाद जमा होने की समस्या ने इन प्रयासों को काफी हद तक अप्रभावी बना दिया था। लंबे समय से, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नदियों से गाद निकालने (ड्रेजिंग या डी-सिल्टेशन) और इसके वैज्ञानिक प्रबंधन पर जोर देते रहे हैं, उनका मानना रहा है कि केवल तटबंध बनाने से समस्या का स्थायी समाधान नहीं होगा।
अब केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने इस समस्या की गंभीरता और बिहार की दशकों पुरानी मांग को संज्ञान में लिया है। नई नीति में सिर्फ तटबंध बनाने पर ही नहीं, बल्कि नदियों से गाद निकालने और इसके स्थायी प्रबंधन पर भी व्यापक रूप से ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उम्मीद है कि यह नीति नदियों के तल को गहरा करने में मदद करेगी, जिससे उनकी जल-प्रवाह क्षमता बढ़ेगी और वे बारिश के पानी को आसानी से निकाल सकेंगी। इस पहल का लक्ष्य सिर्फ तात्कालिक राहत नहीं, बल्कि बिहार को बाढ़ की स्थायी समस्या से पूरी तरह से मुक्ति दिलाना है।
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