New threat of SIM fraud: फर्जी SIM से चोरी हो रही भारतीयों की पहचान, साइबर फ्रॉड का नया हथियार

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News India Live, Digital Desk: New threat of SIM fraud: आज के डिजिटल युग में जहाँ एक ओर तकनीक जीवन को आसान बना रही है, वहीं दूसरी ओर साइबर अपराध भी लगातार विकसित हो रहे हैं। भारतीय नागरिकों के लिए एक नया और गंभीर खतरा सामने आया है – फर्जी SIM कार्डों का उपयोग करके पहचान की चोरी और साइबर धोखाधड़ी (साइबर फ्रॉड)।

रिपोर्ट्स के अनुसार, अपराधी भारतीय नागरिकों की पहचान और व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग करके अवैध रूप से SIM कार्ड प्राप्त कर रहे हैं। इन SIM कार्डों का उपयोग बाद में विभिन्न प्रकार की साइबर धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए किया जा रहा है, जिससे बेगुनाह लोगों को वित्तीय नुकसान और पहचान की चोरी जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

इन धोखाधड़ियों में अक्सर फिशिंग स्कैम, वन-टाइम पासवर्ड (OTP) की चोरी, बैंकिंग फ्रॉड और यहां तक कि डार्क वेब पर व्यक्तियों की पहचान बेचने जैसे मामले शामिल होते हैं। अपराधी किसी की पहचान का उपयोग करके सिम कार्ड जारी करवाते हैं, जिससे उन्हें उस नंबर से जुड़े ऑनलाइन खातों और बैंक लेनदेन तक पहुंच मिल जाती है। इससे यूजर्स के खाते खाली होने का जोखिम बढ़ जाता है और उनकी व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक होने का भी खतरा रहता है।

इस बढ़ती समस्या से निपटने के लिए, भारत सरकार ने कुछ कड़े कदम उठाए हैं। दूरसंचार विभाग (DoT) और पुलिस एजेंसियों ने मिलकर इस पर नकेल कसने की मुहिम शुरू की है। इन कदमों में SIM कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को और सख्त करना, आधार और अन्य पहचान दस्तावेजों के सत्यापन को मजबूत करना, और संदिग्ध SIM कनेक्शनों की निगरानी बढ़ाना शामिल है। ग्राहकों को भी सलाह दी गई है कि वे अपने आधार या पहचान दस्तावेजों के किसी भी दुरुपयोग से सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत दूरसंचार प्रदाताओं या साइबर अपराध हेल्पलाइन पर रिपोर्ट करें। अपने सभी ऑनलाइन खातों के लिए मजबूत पासवर्ड का उपयोग करना और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को सक्रिय रखना भी धोखाधड़ी से बचाव के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह जागरूकता और सक्रियता ही इस बढ़ते खतरे से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है।

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