जीका वायरस मच्छरों से फैलने वाला वायरस है। यह वायरस एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। यह वायरस आमतौर पर हल्का बुखार, चकत्ते, जोड़ों में दर्द, आंखों में लालिमा और सिरदर्द जैसे लक्षण पैदा करता है। ये लक्षण आमतौर पर कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं। हालाँकि, जीका वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए ख़तरा
अगर गर्भवती महिलाएँ जीका वायरस से संक्रमित हो जाती हैं, तो यह उनके अजन्मे बच्चे में गंभीर जन्म दोष पैदा कर सकता है। इन जन्म दोषों में सबसे गंभीर माइक्रोसेफली है। माइक्रोसेफली एक ऐसी स्थिति है जिसमें बच्चे का सिर असामान्य रूप से छोटा होता है। इससे बच्चे के मस्तिष्क के विकास में समस्याएँ हो सकती हैं। जीका वायरस से पैदा होने वाले बच्चों में अन्य जन्म दोष भी हो सकते हैं, जैसे सुनने की समस्या, दृष्टि की समस्या और मांसपेशियों की कमज़ोरी।
गर्भवती महिलाओं को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
यदि आप गर्भवती हैं या गर्भवती होने की योजना बना रही हैं, तो जीका वायरस से बचाव के लिए कुछ सावधानियां बरतना बहुत जरूरी है।
* मच्छरों से बचाव: मच्छरों के काटने से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आसपास पानी जमा न होने दें, क्योंकि यहीं मच्छर पनपते हैं।
* यात्रा के दौरान सावधानियां: अगर आप ऐसे इलाकों में जाने की योजना बना रहे हैं जहाँ जीका वायरस पाया जाता है, तो वहाँ जाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें। यात्रा के दौरान मच्छरों से बचने के लिए भी पूरी सावधानी बरतें।
* गर्भधारण की योजना बनाना: यदि आप जीका वायरस से प्रभावित क्षेत्र में रहते हैं या वहां की यात्रा कर चुके हैं, तो गर्भधारण करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें। वह आपको गर्भधारण करने से पहले कुछ समय प्रतीक्षा करने की सलाह दे सकते हैं।
जीका वायरस के लिए कोई विशेष उपचार नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। अगर आपको लगता है कि आप जीका वायरस से संक्रमित हो सकते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। हालाँकि जीका वायरस की पूरी तरह से रोकथाम संभव नहीं है, लेकिन सावधानी बरतकर इस संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सकता है। जीका वायरस से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए।