जीका वायरस के कारण: पुणे में जीका वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अब तक पांच मरीजों में इसकी पुष्टि हो चुकी है। पुणे में इस जीका वायरस ने एक गर्भवती महिला को भी संक्रमित कर दिया है. 6 माह की गर्भवती महिला का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था. इसके बाद यह पुष्टि हो गई है कि हालांकि महिला में वायरस का कोई गंभीर लक्षण नहीं है, लेकिन उसका निगरानी में इलाज किया जा रहा है। इस बीच, यह जानना जरूरी है कि जीका वायरस कैसे फैलता है और क्या यह गर्भवती महिला से उसके बच्चे में फैल सकता है?
डॉक्टरों का कहना है कि जीका वायरस भी मच्छर जनित बीमारी है। डेंगू की तरह, यह मच्छर के काटने से होता है, लेकिन जीका के मामले में खतरा यह है कि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। जिस क्षेत्र में कोई मामला सामने आता है, वहां संक्रमित व्यक्ति से इसे दूसरों तक फैलाने का जोखिम होता है। अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह खतरनाक साबित हो सकता है।
एक गर्भवती महिला कैसे संक्रमित हुई?
जीटीबी हॉस्पिटल के सीनियर रेजिडेंट डॉ. अंकित कुमार का कहना है कि जीका वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। ऐसे में संभव है कि गर्भवती महिला किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आई हो. चूंकि पुणे में जीका वायरस के चार मामले सामने आए हैं, इसलिए संभावना है कि यह वायरस कुछ इलाकों में फैल गया है। जिससे महिला संक्रमित हो गई।
क्या बच्चे को भी ख़तरा है?
जीका वायरस संक्रमित महिला से उसके बच्चे में भी फैल सकता है, हालांकि, अगर गर्भावस्था के दौरान निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार उपचार दिया जाए तो बच्चे में संक्रमण का खतरा कम किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि महिला को डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाए और गर्भ में बच्चे की हलचल का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड कराया जाए।
ऐसे में मां का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर जीका वायरस बच्चे के शरीर में प्रवेश कर गया तो उसकी सेहत खराब हो सकती है। इससे बच्चे को मस्तिष्क संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
जीका के लक्षण
- बुखार
- जोड़ों का दर्द
- सिरदर्द
- आँखों का लाल होना
- कैसे करें बचाव
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें
- पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें
- उन इलाकों में न जाएं जहां संक्रमित मरीज हों
अपने खान-पान का ध्यान रखें
जो गर्भवती महिलाएं उन क्षेत्रों में रहती हैं जहां जीका वायरस फैला हुआ है, उन्हें विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत है। ऐसी महिलाओं को संक्रमित क्षेत्रों में रहने वाले किसी भी व्यक्ति के निकट संपर्क से बचना चाहिए और नियमित स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए। क्योंकि इस वायरस से बचाव के लिए कोई वैक्सीन नहीं है. ऐसे में ये बचाव बेहद जरूरी है.