जम्मू, 9 दिसंबर (हि.स.)। श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय (एसएमवीडीयू) में सांस्कृतिक गतिविधियों के बोर्ड (बीसीए) ने जम्मू और कश्मीर कला, संस्कृति और भाषा अकादमी (जेकेएएसीएल) और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर), जम्मू अध्याय के सहयोग से जम्मू और कश्मीर के युवाओं में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के महत्वपूर्ण विषय पर केंद्रित एक जीवंत युवा महोत्सव का आयोजन किया। महोत्सव की शुरुआत एक उद्घाटन समारोह के साथ हुई जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रो. (डॉ.) प्रगति कुमार, बीसीए के अध्यक्ष डॉ. राकेश थुसू और बीसीए की उपाध्यक्ष डॉ. कामिनी पठानिया, सांस्कृतिक समन्वयक डॉ. राहुल शर्मा सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया।
डॉ. कामिनी पठानिया ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर जोर देते हुए एक भावपूर्ण संबोधन के साथ दर्शकों का स्वागत किया। वहीं कुलपति ने एक व्यावहारिक भाषण दिया जिसमें इस सामाजिक मुद्दे से निपटने में युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला गया। उद्घाटन में एसएमवीडीयू के प्रतिभाशाली छात्रों द्वारा मंत्रमुग्ध करने वाले शास्त्रीय और सांस्कृतिक प्रदर्शन भी शामिल थे। कार्यक्रम के दूसरे भाग में विभिन्न अंतर-विद्यालय प्रतियोगिताओं के माध्यम से प्रतिभा का प्रदर्शन हुआ। एक रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता इंकलेट ने प्रतिभागियों को आकर्षक कथाएँ लिखने की चुनौती दी जबकि बैटल ऑफ़ वॉयस ने शक्तिशाली गायन प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया। एक मनोरम नृत्य प्रतियोगिता ने मानवीय भावनाओं के विषयों को उजागर किया जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसी बीच निशु पंडिता और समूह ने कश्मीरी लोक नृत्य रोशुक के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया जबकि राम दत्ता और समूह ने पारंपरिक कला रूप गीतड़ू ने समां बाँध दिया। डॉ. राजेश कुमार और रीना सलाथिया ने शो में भाग लिया और बोर्ड को इस तरह के शानदार शो के आयोजन के लिए बधाई दी। इस उत्सव ने न केवल जम्मू और कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाया बल्कि युवाओं को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरों के बारे में सार्थक बातचीत में शामिल करने के लिए एक शक्तिशाली मंच के रूप में भी काम किया।